127 साल पहले जमशेदजी टाटा ने जनता की सेवा के लिए शुरु किए थे ट्रस्ट, लेकिन अब इस वजह से बढ़ गईं मुश्किलें

आयकर विभाग की कार्रवाई से टाटा ट्रस्ट को 12 हजार भरना पड़ सकता है। टाटा के 6 ट्रस्टों पर आईटी एक्ट की धारा 115 (TD) के तहत कार्रवाई। ट्रस्ट ने कहा कि 2015 में ही पंजीयन सरेंडर करने की बात कही थी। अभी विभाग से कोई नोटिस न आने की बात कही।
 

नई दिल्ली. देश के सबसे विश्वसनीय कंपनी टाटा के ट्रस्ट जिसको लगभग 127 साल समय बीतने को है, पिछले कुछ दिन से चर्चा में है। आयकर विभाग ने टाटा ग्रुप के 6 ट्रस्टों पर करीब 12 हजार करोड़ का जुर्माना लगाते हुए उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया। जिसमें जमशेदजी टाटा ट्रस्ट, आर डी टाटा ट्रस्ट, टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, सार्वजनिक सेवा ट्रस्ट और नवजबाई रतन टाटा ट्रस्ट शामिल हैं। मामले पर कंपनी का कहना है कि साल 2015 में ही कंपनी ने टैक्स छूट न लेने और रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की बात की थी। इस पर इतनी देरी क्यों हुई? 

बता दें कि टाटा ट्रस्ट का एक लंबा इतिहास रहा है, जो 127 साल से देश के कई क्षेत्रों में कार्य कर रही है। ट्रस्ट हायर एजुकेशन, हेल्थ, स्किल डेवलपमेंट,पर्यावरण, खेल, डिजिटल जैसे क्षेत्रों के लिए कार्य करता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1892 में जमशेतजी टाटा के द्वारा किया गया था। जो देश में लगातार सुधार पर काम कर रही है। सभी ट्रस्ट एक साथ मिलकर काम करते हैं। जो देश के कुल 638 जिलो में सक्रिय रुप से काम कर रही है। टाटा ट्रस्ट 800 से ज्यादा अन्य संस्थानों के साथ मिलकर लाखों घरों के सामाजिक और आर्थिक सुधार पर काम कर रहा है। ट्र्स्ट की शुरुआत को दशक हो गए हैं। देश भर में टाटा को भरोसे का प्रतिक माना जाता है। 

Latest Videos

1. जमशेदजी टाटा ट्रस्ट की शुरुआत साल 1892 में जमशेदजी टाटा ने किया था। जिसका लक्ष्य भारतीयों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग देना है। 
2. नवजबाई रतन टाटा ट्रस्ट को श्री रतन टाटा जी ने अपनी पत्नी के याद में साल 1974 में बनाई थी। सर श्री रतन टाटा ट्रस्ट के साथ साथ मिलकर काम कर रही है। इसी ट्रस्ट के माध्यम से नवजबाई ट्रस्ट को धन मुहैया होता था।

3. टाटा एजुकेशन ट्रस्ट की शुरुआत सितंबर 2008 में की गई। जिसके तहत राष्ट्रीय विकास को बहुत महत्व देते हुए प्रकृति में बहुआयामी और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने का काम करती है। 

4. बाई हीराबाई जेएन टाटा नवसारी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन 7 दिसंबर 1923 को ट्रस्ट को स्थापित किया गया था और सर रतन टाटा ट्रस्ट के सभी ट्रस्टी को इस ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल गया था। हालांकि इस ट्रस्ट का नाम कार्रवाई में नही है।

5. सार्वजनिक सेवा ट्रस्ट को साल 1975 में बतौर पब्लिक चौरिटेबल ट्रस्ट के रुप में किया गया था। जिसके तहत भारत में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए योग्य छात्रों को स्कॉलरशिप देने के अलावा, चिकित्सा के खर्च की सुविधा प्रदान किया जाता है।

6.आर डी टाटा ट्रस्ट को साल 1944 में स्थापित किया गया था।

बता दें कि आयकर विभाग ने गुरुवार को आईटी एक्ट की धारा 115 (TD) के अन्तर्गत उनके पंजीयन को रद्द कर दी है। साल 2016 में एक समान श्रेणी के ट्रस्टों के मामले में यह विशेष नियम आईटी एक्ट में जोड़ा गया था। जिसके अनुसार किसी ट्रस्ट का पंजीयन रद्द होने पर उसे पिछले सालों की उस आय पर भी टैक्स चुकाना पड़ता है जिस पर छूट का लाभ लिया गया हो। कोई ट्रस्ट यदि नॉन-चैरिटेबल ट्रस्ट में शामिल कर दिया जाता है तो भी उसे अतिरिक्त टैक्स भी देना पड़ता है। अर्थात टाटा ट्रस्ट को अब करीब 12 हजार करोड़ आयकर विभाग को देना पड़ेगा। इस पर ट्रस्ट का कहना है कि अभी हम जांच कर रहे हैं। 

Share this article
click me!

Latest Videos

कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
UP By Election Exit Poll: उपचुनाव में कितनी सीटें जीत रहे अखिलेश यादव, कहां चला योगी का मैजिक
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC