Petrol Diesel Crisis के बीच सरकार का फैसला- पेट्रोल पंप पर हर रोज बेचना होगा तेल, कीमत बढ़ाई तो लाइसेंस कैंसल

अप पेट्रोल पंप को अपने पास स्टॉक रखना होगा। पेट्रोल की बढ़ती किल्लत को देखते हुए सरकार ने प्राइवेट पेट्रोल पंप की मनमानी रोकने के लिए USO लागू कर दिया है। इसके तहत अब वे दाम बढ़ाकर पेट्रोल नहीं बेच सकेंगे। 

नई दिल्लीः देश के कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की किल्लत (Petrol-diesel Crisis in India) पैदा हो गई है। पेट्रोल की किल्लत गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ज्यादा हुई है। इस बात को लेकर सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने सभी रीटेल आउटलेट के लिए Universal Service Obligation लागू किया है। इसको रिमोट एरिया के लिए भी लागू किया जाएगा। अब सभी रीटेल आउटलेट वो चाहे PSUs के हों या निजी कंपनियों के उन्हें इसको मानना ही पड़ेगा। 

अफवाहों के कारण हालत हुए बुरे
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि वहां पर पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल खत्म हो गया है। इसके चलते कुछ अफवाहें भी फैलीं की पेट्रोल का स्टॉक खत्म होने वाला है। दरअसल, ये सब हुआ प्राइवेट प्लेयर्स की वजह से, जिन्होंने तेल की कीमतें 2-5 रुपये प्रति लीटर (Petrol Diesel Price) बढ़ा दीं। ऐसा होते ही लोग सरकारी पेट्रोल पंपों की तरफ भागे और नतीजा ये हुआ कि अचानक बढ़ी डिमांड की वजह से पेट्रोल खत्म हो गया। इसी के चलते अब सरकार ने हर पेट्रोल पंप को यूएसओ के दायरे में ला दिया है।

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पेट्रोल पंप पर स्टॉक रखना जरूरी
मतलब ये हुआ कि कंपनियां अब सरकार द्वारा तय नियमों को मानने के लिए बाध्य होंगी। साथ ही पेट्रोल पंप पर स्टॉक भी मेंटेन करना होगा। Outlet खोलने और बंद करने के लिए भी सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा। फ़िलहाल ये Universal service obligation उत्तर पूर्व में ही लागू था। बता दें, मांग में अचानक आए उछाल की वजह से मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में कुछ पेट्रोल पंप तेल की कमी का सामना कर रहे हैं।

बिक्री में भी कर दी कटौती
मांग में एकाएक बढ़ोतरी के चलते कुछ पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो गया। इसके अलावा सरकारी तेल कंपनियों पर कम भाव में मिल रहे तेल से निजी तेल रिटेलर्स होड़ नहीं ले पा रही थी तो उन्होंने अपने ऑपरेशंस में कटौती कर दी। सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम पेट्रोल और डीजल बढ़ी दर के मुकाबले 15-25 रुपये प्रति लीटर कम भाव पर मिल रहा है। वहीं निजी फ्यूल रिटेलर्स जियो-बीपी और नायरा एनर्जी ने कुछ स्थानों पर तेल के दाम बढ़ा दिए या बिक्री में कटौती कर दी।

सरकारी फ्यूल रिटेलर्स ने क्रूड ऑयल के भाव 10 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद 6 अप्रैल से पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर रखे हुए हैं। निजी पेट्रोल पंपों पर तेल की बिक्री नहीं होने के चलते सरकारी पेट्रोल पंपों पर भीड़ बढ़ी और नतीजतन कई जगहों पर स्टॉक खत्म हो गया। ऐसे में सरकार ने निजी तेल रिटेलर्स को तेल की बिक्री बंद करने से रोकने के लिए यूएसओ रेगुलेशंस में संशोधन किया है। 

प्राइवेट पेट्रेल पंप ने बढ़ा दिया है रुपया
प्राइवेट पेट्रोल पंप फ्यूल की कीमतें बढ़ाकर पेट्रोल इसलिए बेच रहे हैं, ताकि वह अपने नुकसान को कम कर सकते हैं। इसका एक दूसरा मकसद ये भी है कि लोग उनके यहां से कम पेट्रोल खरीदें। दरअसल, इस वक्त कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचे हैं, जबकि मौजूदा पेट्रोल-डीजल भाव कच्चे तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तय किए गए हैं। सरकारी पेट्रोल पंपों ने अपने काम के घंटे बढ़ा दिए हैं और साथ ही नाइट शिफ्ट भी शुरू कर दी है। साथ ही पेट्रोल पंपों पर अधिक पेट्रोल की सप्लाई की जा रही है। जिस शहरों में पेट्रोल की किल्लत हो रही है, वहां पर अधिक फ्यूल सप्लाई किया जा रहा है। 

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