1 अक्टूबर से हो रहे बड़े बदलाव, क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को नहीं मिलेगा कैशबैक/डिस्काउंट

आप भी अक्सर अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाते समय क्रेडिड कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। तो ये खबर आपके लिए है। 1 अक्टूबर से पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल का भुगतान क्रेडिट कार्ड से करने पर मिलने वाली छूट अब नहीं मिलेगी। 1 अक्टूबर 2019 से तेल कंपनियों की तरफ से क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर मिलने वाला डिस्काउंट बंद हो रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 29, 2019 5:29 AM IST / Updated: Sep 29 2019, 11:27 AM IST

नई दिल्ली. आप भी अक्सर अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाते समय क्रेडिड कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। तो ये खबर आपके लिए है। 1 अक्टूबर से पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल का भुगतान क्रेडिट कार्ड से करने पर मिलने वाली छूट अब नहीं मिलेगी। 1 अक्टूबर 2019 से तेल कंपनियों की तरफ से क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर मिलने वाला डिस्काउंट बंद हो रहा है। ढाई साल पहले पेट्रोल पंप पर डिजीटल मोड से पेमेंट करने पर ग्राहकों को 0.75 प्रतिशत का कैशबैक देने की सुविधा शुरू की गई थी। जिसे अब बंद कर दिया जाएगा।

SBI ने अपने ग्राहकों को मैसेज भेज दिया
आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से यह सुविधा शुरू की गई थी। एसबीआई ने अपने सभी क्रेडिट कार्ड यूजर्स को टेक्सट मैसेज में भेज कर बताया कि क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर मिलने वाला 0.75 प्रतिशत कैशबैक की सुविधा 1 अक्टूबर से बंद हो जाएगी। मैसेज में यह भी जानकारी दी है कि ऐसा पब्लिक सेक्टर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की सलाह पर किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सभी बैंकों की तरफ से यह सुविधा बंद कर दी गई है, हालांकि अभी एसबीआई ने ही अपने ग्राहकों को इस बारे में मैसेज भेजा है।

ई-वॉलेट पर जारी रहेगी सुविधा
8 नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन जैसी तेल कंपनियों से 0.75 प्रतिशत कैशबैक देने के लिए कहा था। यह डिस्काउंट क्रेडिट/ डेबिट कार्ड यूजर्स के साथ ही ई-वॉलेट से भुगतान करने वाले ग्राहकों को भी दिया जाता था। लेकिन फिलहाल डेबिट कार्ड या ई-वॉलेट से भुगतान पर यह सुविधा मिलती रहेगी। आपको बता दें तीनों तेल कंपनियों ने साल 2017-18 में तेल कंपनियों ने ई-पेमेंट डिस्काउंट और एमडीआर के रूप में कुल 1431 करोड़ रुपये का भुगतान किया। वहीं 2018-19 में तेल कंपनियों ने 2000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
 

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