भारत में 2024 में 22,842 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी, 2025 में आंकड़ा पार कर सकता है 1.2 लाख करोड़: रिपोर्ट

Published : Aug 01, 2025, 05:16 PM IST
Jabalpur cyber fraud

सार

Cybercrime Report: DataLEADS की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2024 में साइबर अपराधियों ने 22,842 करोड़ रुपये ठगे। I4C का अनुमान है कि 2025 में यह आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ को पार कर सकता है। जानिए कैसे WhatsApp और UPI पर बढ़े डिजिटल फ्रॉड के मामले।

Cyber Fraud India: भारत जितनी तेजी से डिजिटल युग का विस्तार कर रहा उससे कई गुना तेजी से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो देश में केवल 2024 में करीब 23 हजार करोड़ रुपये साइबर फ्रॉड कर उड़ाए गए हैं। अनुमान है कि 2025 में यह आंकड़ा कई गुना अधिक होगा जोकि 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।

दिल्ली स्थित मीडिया और टेक कंपनी DataLEADS की नई रिपोर्ट ‘Contours of Cybercrime’ के अनुसार, भारत ने 2024 में साइबर अपराधियों और डिजिटल फ्रॉड करने वालों के हाथों 22,842 करोड़ रुपये गंवाए। इससे भी डरावनी बात यह है कि 2025 में यह नुकसान बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, ऐसा भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) का अनुमान है।

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2023 और 2022 के मुकाबले 3 से 10 गुना बढ़ा नुकसान

2023 में जहां 7,465 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा सिर्फ 2,306 करोड़ था। यानी तीन साल में साइबर ठगी का स्तर 10 गुना बढ़ चुका है। 2024 में दर्ज साइबर अपराधों की संख्या भी 20 लाख के करीब पहुंच गई है, जो 2019 की तुलना में दस गुना ज्यादा है।

UPI और डिजिटल पेमेंट का विस्फोट बना खतरा

साइबर फ्रॉड में उछाल की बड़ी वजह है डिजिटल पेमेंट्स का तेजी से बढ़ना। जून 2025 में अकेले 190 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन्स हुए जिनकी कुल वैल्यू Rs 24.03 लाख करोड़ रही। 2013 में डिजिटल पेमेंट्स जहां 162 करोड़ रुपये के थे, वहीं 2025 की शुरुआत में यह बढ़कर 18,120.82 करोड़ रुपये हो चुके हैं। भारत अब दुनिया के कुल डिजिटल ट्रांजैक्शन्स का करीब 50% करता है।

कोविड और सस्ते स्मार्टफोन बने फैक्टर

कोविड काल में सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया, जिससे गांवों-कस्बों में भी लोग Paytm, PhonePe, GPay जैसे ऐप्स से ट्रांजैक्शन करने लगे। 2019 तक भारत में 44 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स थे और डेटा कीमतें दुनिया में सबसे सस्ती थीं, जिससे ग्रामीण भारत भी डिजिटल फ्रॉड के निशाने पर आ गया।

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डिजिटल फ्रॉड के प्रमुख रूप

  • बैंकिंग फ्रॉड: RBI के मुताबिक FY 2025/26 के पहले 6 महीनों में बैंक फ्रॉड Rs 2,623 करोड़ से बढ़कर Rs 21,367 करोड़ तक पहुंच गया। प्राइवेट बैंकों में 60% मामले लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान सरकारी बैंक ग्राहकों को (Rs 25,667 करोड़) हुआ।
  • इंश्योरेंस स्कैम: HDFC, Kotak, Shriram जैसी फर्जी ब्रांडिंग के जरिए हेल्थ, लाइफ, व्हीकल इंश्योरेंस स्कैम किए जा रहे हैं, खासकर WhatsApp और SMS के जरिए।
  • इन्वेस्टमेंट फ्रॉड:'गारंटीड हाई रिटर्न' का झांसा देकर पढ़े-लिखे लोग तक फंस रहे हैं। लोग एडवांस देकर स्कैमर्स को पैसा भेज रहे हैं जो बाद में गायब हो जाते हैं।
  • फिशिंग और मैलवेयर अटैक: SMS और WhatsApp पर 'Amazon/Flipkart रिफंड', 'लॉटरी', या 'Paytm KYC' जैसे मैसेज भेजकर यूजर्स से UPI ID, OTP और कार्ड डिटेल्स ली जाती हैं।
  • फेक प्रोडक्ट लिस्टिंग: बाजार से बेहद सस्ती दर पर सामान दिखाकर ऑनलाइन पेमेंट करवा लेते हैं, फिर कोई प्रोडक्ट नहीं भेजते।

WhatsApp बना सबसे बड़ा जाल

I4C के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ WhatsApp पर ही जनवरी 2024 में 15,000 से ज्यादा वित्तीय साइबर क्राइम की शिकायतें मिलीं। फरवरी में 14,000 और मार्च में फिर 15,000 के करीब शिकायतें आईं। सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स अपने आप को 'प्लैटफॉर्म' कहकर जिम्मेदारी से बचते हैं। कंटेंट मॉडरेशन में भी भारी कटौती की जा रही है।

सरकारी कदम और चुनौतियां

सरकार ने कानून पास किए हैं जिससे डिजिटल कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया जा सके, लेकिन अब भी कानून का क्रियान्वयन, फैक्ट-चेकिंग, और रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसी पहलें बहुत धीमी हैं।

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