EPF Contribution Stop Effects: आपका PF सिर्फ सेविंग अकाउंट नहीं है, बल्कि रिटायरमेंट के लिए लॉन्ग टर्म का निवेश भी है। लेकिन क्या आप जानते हैं, EPF कॉन्ट्रिब्यूशन रोकने से क्या होगा? अकाउंट कब इनएक्टिव हो जाएगा, टैक्स कैसे लगेगा? नहीं, तो यहां जानिए
जब आप ऐसी नौकरी छोड़ते हैं जहां EPF कटता था या कोई ऐसी नौकरी शुरू करते हैं जो EPF एक्ट के तहत नहीं आती। इस कंडिशन में नए कॉन्ट्रिब्यूशन बंद हो जाते हैं, लेकिन आपका EPF अकाउंट एक्टिव रहता है। इससे इस पर मिलने वाला ब्याज मिलता रहता है।
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इनएक्टिव पीएफ अकाउंट पर कब तक ब्याज मिलता है?
अगर 36 महीने (3 साल) तक कोई कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं होता, तो अकाउंट निष्क्रिय (Inoperative) हो जाता है। इससे पहले तक इस पर ब्याज मिलता रहता है। खाता निष्क्रिय होने के बाद नया ब्याज नहीं जुड़ता, लेकिन आपका पहले से मिला बैलेंस सेफ रहता है।
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PF का पैसा निकालने से टैक्सेशन पर क्या असर होता है?
अगर आप दो महीने से ज्यादा बेरोजगार हैं, तो आप अपना EPF बैलेंस निकाल सकते हैं। 5 लगातार साल पूरे होने से पहले निकालने पर टैक्स लगेगा। आपका और नियोक्ता (कंपनी) का योगदान और मिले ब्याज के अनुसार टैक्स लगता है। वहीं, अगर पैसा एक्टिव अकाउंट में पड़ा रहता है, तो ब्याज पर टैक्स नहीं लगता।
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EPF ट्रांसफर करना क्यों जरूरी है?
नौकरी बदलते समय अपना EPF अकाउंट डॉर्मेंट छोड़ने की बजाय ट्रांसफर करना बेहतर है। UAN (Universal Account Number) के जरिए सभी EPF खातों को लिंक और ट्रांसफर करना आसान है। ट्रांसफर से आपका सर्विस रिकॉर्ड सुरक्षित रहता है, टैक्स के फायदे जारी रहते हैं और बचत लगातार बढ़ती रहती है।
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EPF अकाउंट को अनदेखा क्यों न करें?
EPF में निवेश न करने से लॉन्ग-टर्म वेल्थ प्रभावित होती है। लंबे समय में मिस्ड ब्याज और टैक्स बचत से रिटायरमेंट फंड में बड़ा फर्क पड़ सकता है। पुराना या भूला हुआ खाता बाद में खोजना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर KYC या बैंक डिटेल्स अपडेट नहीं हैं। इसलिए समय-समय पर EPF डिटेल्स अपडेट करें और मल्टीपल अकाउंट्स को कंसॉलिडेट करें ताकि रिटायरमेंट सेविंग्स मैक्सिमम हो और फाइनेंशियल डिसिप्लिन बनी रहे।