अपना घर होना हर किसी का सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत से लोग होम लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन, कम क्रेडिट स्कोर, नियमित आय न होना, या जरूरी दस्तावेजों की कमी जैसी कई वजहों से बैंक होम लोन देने से मना कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ उपाय अपनाकर आप लोन अप्रूवल के अपने चांस बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
1. क्रेडिट स्कोर में सुधार करें
होम लोन रिजेक्ट होने का एक बड़ा कारण होता है कम क्रेडिट स्कोर। लोन एप्लीकेशन देखते समय बैंक आपके क्रेडिट स्कोर पर बहुत ध्यान देते हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 700 से कम है, तो लोन रिजेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपका लोन कम क्रेडिट स्कोर की वजह से रिजेक्ट हुआ है, तो सबसे पहले आपको अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
क्रेडिट स्कोर सुधारने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
1. क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि कम करें, पर्सनल लोन का भुगतान जल्दी करें
2. जब तक आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर न हो जाए, तब तक नए लोन या क्रेडिट कार्ड लेने से बचें
3. अपने सभी बिल (क्रेडिट कार्ड बिल, EMI) समय पर भरें
2. लोन के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से संपर्क करें
अगर बैंक आपका होम लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट कर देते हैं, तो आप गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से संपर्क कर सकते हैं। NBFC, बैंकों की तुलना में लोन देने में थोड़े नरम होते हैं। कम क्रेडिट स्कोर या अनियमित आय वाले आवेदकों को भी NBFC लोन दे सकते हैं। हालाँकि, ध्यान रखें कि NBFC आमतौर पर बैंकों की तुलना में थोड़ा अधिक ब्याज दर वसूलते हैं।
3. गारंटर या सह-आवेदक की मदद लें
अगर आपकी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति की वजह से आपका होम लोन रिजेक्ट हो रहा है, तो आप एक गारंटर या सह-आवेदक की मदद ले सकते हैं। सह-आवेदक, लोन चुकाने की ज़िम्मेदारी साझा करता है। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर और मजबूत वित्तीय स्थिति वाला गारंटर होने से बैंक आपके लोन एप्लीकेशन को मंजूर कर सकता है। ध्यान रहे कि लोन न चुका पाने की स्थिति में गारंटर कानूनी तौर पर ज़िम्मेदार होगा।
4. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं
सरकार की आवास योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, प्रधानमंत्री आवास योजना, लाइफ स्कीम
5. डाउन पेमेंट की राशि बढ़ाएं
अगर बैंक या NBFC लोन देने को तैयार नहीं हैं, तो आप डाउन पेमेंट की राशि बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। ज़्यादा डाउन पेमेंट से वित्तीय संस्थानों को आपकी चुकाने की क्षमता पर भरोसा बढ़ेगा।