अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, जानें कहां-कहां और कितना होगा असर

Published : Jun 20, 2024, 05:14 PM ISTUpdated : Jun 20, 2024, 05:16 PM IST
indian rupees

सार

एक बार फिर भारतीय रुपए में गिरावट देखी गई हैं। इस बार 14 पैसे की गिरावट आई है। इसी के साथ गुरुवार यानी 20 जून को रिकॉर्ड निचले स्तर पा आ गया है। अब रुपए में 0.20% की गिरावट के साथ 83.64 पर आ गई है।

बिजनेस डेस्क. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 14 पैसे की गिरावट आई है। इसी के साथ गुरुवार यानी 20 जून को रिकॉर्ड निचले स्तर पा आ गया है। अब रुपए में 0.20% की गिरावट के साथ 83.64 पर आ गई है। इससे पहले 83.58 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर था। इससे पहले अप्रैल में डॉलर के मुकाबले अब तक की सबसे कमजोर स्थित पर था।

इसलिए आई भारतीय करेंसी में गिरावट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रुपये के गिरने का प्रमुख कारण डॉलर का मजबूत होना है। भले ही रुपया अपने निचले स्तर पर हो लेकिन भारतीय मुद्रा अब भी दूसरी सबसे बेस्ट प्रदर्शन करने वाली करेंसी है। हॉन्ग-कॉन्ग इस लिस्ट में सबसे ऊपर है। हॉन्ग-कॉन्ग डॉलर अमेरिकी डॉलर टक्कर दे रहा है। वहीं, चीनी करेंसी युआन भी सुस्त है।

रुपया गिरने से ये प्रभाव पड़ेगा

भारतीय रुपए के गिरने का सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा। इससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती हैं। भारत में लगभग 80% पेट्रोलियम प्रोडक्ट आयात करता है। इसका असर तेल कंपनियों पर पड़ेगा। ऐसे में उन पर 8 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ जाता है।

इससे पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है। ऐसे में ट्रांसपोर्ट की कीमतें बढ़ेगी, जिसके चलते महंगाई में तेजी आ सकती है। इसके अलावा भारत में बड़े पैमाने पर खाने के तेलों और दालों का आयात करता है। रुपए की गिरती स्थिति के कारण इनकी कीमत में भी बढ़ सकती हैं।

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