सार
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA)ने 19 जून को गाइडलाइन जारी की है। इसमें लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एयरलाइंस में अलग-अलग पदों पर कम से कम 25% महिला कर्मचारी होने चाहिए। DGCA को खाली पड़े पदों पर भर्ती करनी चाहिए।
बिजनेस डेस्क. एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर DGCA ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एयरलाइंस में अलग-अलग पदों पर कम से कम 25% महिला कर्मचारी होने चाहिए। DGCA को खाली पड़े पदों पर भर्ती करनी चाहिए, जिससे महिलाओं को इस इंडस्ट्री में मौका मिलेगा। इससे महिलाओं के लिए काम की परिस्थितियों में लचीलापन लाना चाहिए। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने 19 जून को यह गाइडलाइन जारी की है। वहीं, DGCA ने एयरपोर्ट और एयरलाइंस को अपनी एचआर पॉलिसी की समीक्षा करने के लिए कहा है।
जेंडर गैप कम करना है लक्ष्य
DGCA के सर्कुलर में कहा गया है कि सभी एयरपोर्ट और एयरलाइंस को अपने यहां जेंडर गैप की पहचान की जानी चाहिए। ऐसे में एक सिस्टम तैयार करके जेंडर गैप भरा जा सकें। इसके लिए HR पॉलिसी को ऐसी बनाई जानी चाहिए, जिससे बिना किसी भेदभाव के इन्हें काम करने के समान अवसर मिल सकें। साथ ही किसी कारण से काम छोड़ चुकी महिलाओं को दोबारा नौकरी देने की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
एयरलाइंस अपनी HR पॉलिसी मजबूत करें
DGCA ने एयरलाइंस और एयरपोर्ट अथॉरिटी को निर्देश दिए कि कंपनियों में ऐसी भाषा का इस्तेमाल हो, जिससे महिला कर्मचारी अंतर महसूस न करें। साथ ही भेदभाव से बचने के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। एविएशन सेक्टर में महिलाओं के लिए चुनौतियों से भरा प्रोफेसन हैं। साथ ही महिलाएं परिवार और घरेलू काम में उलझकर एविएशन सेक्टर से दूरी बना लेती है। ऐसे में एयरपोर्ट और एयरलाइंस मजबूत पॉलिसी बनानी चाहिए।
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