दवा से लेकर 5G कनेक्टिविटी तक...जानिए इजराइल-हमास वॉर से भारत को 5 बड़े नुकसान

इजराइल-हमास युद्ध का असर अब ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ने लगा है। भारतीय अर्थव्यवस्था भी इससे अछूती नहीं है। कच्चा तेल ही नहीं कई और कारोबार प्रभावित होने लगे हैं। दवाईयों से लेकर मोबाइल उद्योग तक इसकी चपेट में आ सकता है।

बिजनेस डेस्क : इजराइल और हमास के बीच रहे रहे वॉर का असर अब दुनिया पर पड़ने लगा है। वर्ल्ड इकोनॉमी पर इसका प्रभाव देखने को मिलने लगा है। भारत की अर्थव्यवस्था भी इससे अछूती नहीं है. पश्चिमी एशिया में जिस तरह यह युद्ध चल रहा है, उसका असर कच्चे तेल की कीमतों पर देखने को मिल रहा है। इस वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम भी तेजी से बढ़ सकते हैं। इस वॉर से भारतीय इकोनॉमी को 5 बड़े नुकसान हो सकते हैं.

इजराइल-हमास युद्ध से भारत को 5 नुकसान

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1. दवाईयों के बिजनेस पर असर

इजराइल और हमास की लड़ाई का असर दवा कारोबार को भी प्रभावित कर सकता है। इस उद्योग में भारत काफी आगे है। पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप के कई देशों को भारत बड़े पैमाने पर दवाईयां निर्यात करता है। ऐसे में युद्ध का असर इस कारोबार पर पड़ने लगा है। पिछले दो हफ्ते की ही बात करें तो दवाओं के शिपमेंट में कमी देखने को मिली है। आसपास के देशों को होने वाले निर्यात पर भी असर पड़ा है।

2. कॉरपोरेट सेक्टर को नुकसान

इजराइल-हमास वॉर कॉरपोरेट सेक्टर को भी प्रभावित करेगा। दरअसल, भारत की कई कंपनियां इजराइल में कारोबार करती हैं। इनमें सन फार्मा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, विप्रो, अडानी ग्रुप, एसबीआई, लार्सन एंड टुब्रो, इंफोसिस और भारत फोर्ज जैसी कंपनियां हैं। इस युद्ध का असर इन कंपनियों पर निगेटिव पड़ सकता है।

3. 5G कनेक्टिविटी विस्तार पर असर

इजराइल-हमास के बीच चल रहे वॉर का असर डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत पर पड़ने के आसार हैं। अगर यह युद्ध लंबा खिंचा तो रुपये की वैल्यू में 3 फीसदी तक कम हो सकती है। इससे इंटरनेशनल ट्रेड महंगा हो जाएगा। भारत में जिस तेजी से 5G कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है, उसमें इस्तेमाल होने वाले करीब 67 फीसदी टेलीकॉम उपकरण विदेश से मंगाए जाते हैं। इन उपकरणों को एरिक्सन, नोकिया और सैमसंग जैसी कंपनियां बनाती हैं। रुपए के कमजोर होने से इन चीजों का आयात महंगा हो सकता है।

4. महंगा होगा एक्सपोर्ट्स

भारतीय रुपया अगर इस युद्ध की वजह से डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ तो एक्सपोर्टर्स के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम काफी महंगा हो सकता है। इससे शिपिंग कॉस्ट भी तेजी से बढ़ सकती है। इसकी वजह से इजराइल के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार ही नहीं बल्कि कई यूरोपीय देशों के साथ व्यापार को भी महंगा बना सकता है या फिर एक्सपोर्ट मार्जिन को भी कम कर सकता है।

5. डायमंड-ज्वैलरी बिजनेस प्रभावित

गुजरात के सूरत शहर दुनिया का सबसे बड़ा हीरा तराशने का हब है। सिर्फ इजराइल को ही भारत हर साल 1.2 अरब डॉलर के कट एंड पॉलिश डायमंड एक्सपोर्ट करता है। वहीं, इजराइल से 52 करोड़ डॉलर के रफ डायमंड और 22 करोड़ डॉलर के कट एंड पॉलिश डायमंड आयात भी करता है। इजराइल-हमास युद्ध लंबा चला तो इस ट्रेड पर प्रभाव पड़ सकता है।

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