45 रुपए के शेयर ने दिया 2600 गुना रिटर्न, कहानी देश के सबसे महंगे Stock की

Published : Jan 12, 2025, 07:10 PM IST
Investor Share Market

सार

MRF के शेयर ने एक निवेशक को 35 साल में 2600 गुना रिटर्न दिया है। 1989 में ₹45 में खरीदे गए शेयर आज ₹1 लाख से ऊपर हैं। जानिए इस सफलता की कहानी।

बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में आपने एक से बढ़कर एक धुरंधर शेयरों के बारे में सुना होगा, जिन्होंने निवेशकों की दौलत में कई गुना इजाफा किया है। इन्हीं में से एक है मद्रास रबर फैक्ट्री यानी MRF का स्टॉक। इस शेयर ने एक निवेशक को 35 साल में 2600 गुना रिटर्न दिया है। जानते हैं भारत के सबसे महंगे शेयर एमआरएफ की कहानी।

35 साल पहले 45 रुपए के भाव पर खरीदे MRF के शेयर

सिद्धार्थ कुवावाला के पिता ने 1989 में MRF के शेयर 45 रुपए के भाव पर खरीदे थे। उन्होंने उनकी मां के नाम पर ये शेयर बाय किए थे। लॉन्गटर्म इन्वेस्टमेंट पर यकीन रखने वाली सिद्धार्थ की फैमिली ने इसे लंबे समय तक होल्ड रखा। सिद्धार्थ के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में इस शेयर ने उन्हें इतना डिविडेंड दिया है कि उनके द्वारा खरीदे गए शेयरों की लागत निकल चुकी है।

कैसे दिया 2600 गुना रिटर्न

MRF के स्टॉक की कीमत फिलहाल 1,17,104.55 रुपए है। सिद्धार्थ की फैमिली ने इसे 45 रुपए के भाव पर खरीदा था। यानी अब तक शेयर उन्हें 2602 गुना रिटर्न दे चुका है। हालांकि, उन्होंने अब भी इस शेयर को होल्ड करके रखा है। बीते शुक्रवार को स्टॉक में करीब 1.50% की गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, एक समय शेयर 119,099.70 रुपए पर पहुंच गया था।

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MRF के शेयर का सफर

मार्च 2005 तक इसके शेयर की कीमत 3000 रुपए थी। वहीं, मई 2013 तक यानी 8 साल में MRF के स्टॉक का भाव सीधे 15000 रुपए तक पहुंच गया। अप्रैल, 2018 तक इसके एक शेयर की कीमत 80,000 रुपए पार कर चुकी थी। वहीं, फरवरी 2022 में MRF के शेयर की कीमत 100000 रुपए से ऊपर पहुंच चुकी थी। एक समय तो ये स्टॉक 1.5 लाख रुपए के स्तर को भी पार कर गया था। हालांकि, बाद में कुछ मुनाफावसूली के चलते नीचे आ गया।

क्या है इसके इतना महंगा होने की वजह

दरअसल, जब किसी भी शेयर की कीमत बढ़ती है तो कंपनियां उन्हें स्प्लिट करती हैं। हालांकि, MRF ने लिस्टिंग से लेकर अब तक एक बार भी शेयर को स्प्लिट नहीं किया है, जिसके चलते इस स्टॉक की कीमत डेढ़ लाख के स्तर तक पहुंच गई थी। स्प्लिट में शेयरों को तोड़कर डबल शेयर कर दिए जाते हैं। बता दें कि MRF कंपनी की शुरुआत 1946 से हुई। शुरुआत में ये गुब्बारे बनाती थी। लेकिन 1960 से कंपनी ने रबर के टायर बनाने शुरू किए। अब इसके टायर 75 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं।

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