म्यूचुअल फंड पर लोन कैसे लें? जानें प्रॉसेस, एलिजिबिलिटी और रिस्क

Published : Aug 02, 2025, 02:16 PM IST
Loan Against Mutual Funds

सार

Loan Against Mutual Funds Interest Rate : म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स को गिरवी रखकर बैंक या NBFC से 50%-80% तक का लोन ले सकते हैं। इसका इंटरेस्ट रेट भी कम होता है और अप्रूवल भी जल्दी मिलता है। हालांकि, इसके कुछ रिस्क भी होते हैं। 

DID YOU KNOW ?
MF में दिलचस्पी घटी?
2025 की पहली छमाही में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या महज 5.2% बढ़ी, जो पिछले साल इसी दौरान 12% थी। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से इंट्रेस्ट कम हुआ है।

Mutual Funds Loan Process : म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग अचानक से पैसों की जरूरत पड़ने पर उसे बेच देते हैं। अगर आप चाहें तो उसके बदले लोन भी ले सकते हैं। इसे म्यूचुअल फंड पर लोन (LAMF) कहते हैं। यह तरीका तेजी से पॉपुलर हो रहा है, क्योंकि इसमें आपको अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचना नहीं पड़ता और आप कम ब्याज दर पर तुरंत फंड पा सकते हैं। आइए समझते हैं यह प्रॉसेस कैसे काम करता है, इसके फायदे और रिस्क क्या हैं?

Loan Against Mutual Funds क्या है?

इस प्रक्रिया में आप अपने म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बैंक या NBFC के पास गिरवी (Pledge) रखते हैं और बदले में एक तय राशि का लोन लेते हैं। आपकी यूनिट्स आपके नाम पर ही बनी रहती हैं, सिर्फ उन्हें लोन की सिक्योरिटी के तौर पर होल्ड किया जाता है।

इसे भी पढ़ें- Mutual Fund : 5 साल में 38% से ज्यादा रिटर्न, 1 लाख का लंपसम निवेश हुआ इतना

म्यूचुअल फंड पर लोन, पर्सनल लोन से कैसे अलग है?

सिक्योरिटी (Security)

पर्सनल लोन पूरी तरह बिना किसी सिक्योरिटी (Unsecured) होता है, यानी आपको कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है। वहीं, म्यूचुअल फंड पर लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, जिसमें आपके म्यूचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखा जाता है।

ब्याज दर (Interest Rate)

पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट आपकी CIBIL स्कोर या क्रेडिट हिस्ट्री पर डिपेंड करता है। स्कोर कम होने पर ब्याज ज्यादा लगता है। लेकिन म्यूचुअल फंड पर लोन में ब्याज फंड की वैल्यू और लेंडर की पॉलिसी पर निर्भर करती है, न कि क्रेडिट स्कोर पर।

डॉक्यूमेंट्स (Documentation)

पर्सनल लोन के लिए कई डॉक्यूमेंट जैसे इनकम सर्टिफिकेट, पहचान पत्र, बैंक स्टेटमेंट देने होते हैं। जबकि Loan Against Mutual Funds में कम डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, क्योंकि आपके निवेश पहले से ही सिक्योरिटी के रूप में मौजूद होते हैं।

प्रोसेसिंग टाइम (Approval Time)

पर्सनल लोन में अप्रूवल में समय लग सकता है, खासकर अगर सिबिल स्कोर कम हो या डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन लंबा चले। म्यूचुअल फंड पर लोन आमतौर पर जल्दी अप्रूव हो जाता है, क्योंकि यह डिजिटल प्रॉसेस से जुड़ा होता है और रिस्क कम होता है।

इसे भी पढ़ें- Mutual Fund Guide: क्या है म्यूचुअल फंड, कैसे करें निवेश, जानें सभी जरूरी बातें

म्यूचुअल फंड पर कितना लोन मिल सकता है?

LAMF में मिलने वाली लोन राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस तरह के म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है। अलग-अलग फंड टाइप्स के लिए लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो भी अलग होता है। अगर आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) में निवेश किया है, तो आपको आपकी यूनिट वैल्यू का मैक्सिमम 50% तक लोन मिल सकता है। जैसे- अगर आपके पास 1 लाख रुपए की इक्विटी यूनिट्स हैं, तो आपको 50,000 रुपए तक का लोन मिल सकता है डेट फंड्स (Debt Funds) कम रिस्क वाला निवेश माना जाता है, इसलिए इस पर बैंक और NBFCs ज्यादा लोन देने के लिए तैयार रहते हैं। आपको डेट फंड यूनिट्स की कुल वैल्यू का 70% से 80% तक लोन मिल सकता है।

म्यूचुअल फंड पर लोन कौन-कौन से बैंक देते हैं?

बैंकइंटरेस्ट रेट (LAMF)पर्सनल लोन इंटरेस्ट रेट
SBI10.10%10.30%-15.30%
HDFC6.75%-10.13%10.90%-24%
ICICI10.75%-11.75%10.75%-19%
Axis11.49%-13.75%11.25%-22%
BOB9.90%-11.25%10.90%-18.50%

 

म्यूचुअल फंड पर कौन से NBFCs लोन देते हैं?

Tata Capital

Bajaj Finserv

Volt Money

म्यूचुअल फंड पर लोन लेना किसके लिए सही है?

  • अगर आप पहली बार लोन ले रहे हैं
  • आपका क्रेडिट स्कोर कम है
  • कम ब्याज दर पर फंड चाहिए
  • निवेश बेचना नहीं चाहते, सिर्फ अस्थाई लिक्विडिटी चाहिए

म्यूचुअल फंड पर लोन लेने में क्या-क्या रिस्क हैं?

  • अगर आपने 1 लाख रुपए की यूनिट गिरवी रखकर 50,000 रुपए का लोन लिया और फंड की वैल्यू गिरकर 95,000 रुपए हो गई, तो 2,500 रुपए की कमी आपको 6 दिन के अंदर भरनी होगी।अगर ऐसा नहीं करते हैं तो लेंडर आपके यूनिट्स बेच सकता है।
  • जब तक पूरा लोन चुकता नहीं होता है, तब तक आप अपने म्यूचुअल फंड को रिडीम नहीं कर सकते हैं।
  • हर लोन के साथ प्रोसेसिंग चार्ज, GST और ब्याज लागू होते हैं, इसलिए EMI या पेमेंट करने से पहले जरूर ध्यान दें।

Loan Against Mutual Funds: क्या करें, क्या नहीं?

  • eCAS और KYC अपडेट रखें।
  • फंड के प्रकार की वैल्यू चेक करें।
  • ब्याज दर और शर्तें अच्छी तरह समझें।
  • बिना तुलना के किसी भी लोन को न लें।
  • रिस्क को नजरअंदाज न करें।
  • बहुत ज्यादा अमाउंट उधार न लें।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई डिटेल्स सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। म्यूचुअल फंड पर लोन लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें। लोन, ब्याज दरें और शर्तें समय-समय पर बैंक-एनबीएफसी की पॉलिसी के अनुसार बदल सकती हैं। निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Putin India Visit: दिल्ली के फाइव-स्टार होटल फुल, रूम रेट्स ₹1.3 लाख तक पहुंचें
गोवा में इंडिया H.O.G.™️ रैली 2025 की फ्यूलिंग पार्टनर बनी नायरा एनर्जी