RBI का छठीं बार झटका, रेपो रेट 0.25% बढ़ाई, कार-होम लोन पर अब आपको अधिक EMI भरनी पड़ेगी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25% बढ़ा दिया है। इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। RBI गवर्नर शशिकांत दास ने मुंबई में कहा कि रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी हुई, 0.25% बढ़ाकर 6.50% हुआ।

मुंबई. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25% बढ़ा दिया है। इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। RBI गवर्नर शशिकांत दास ने मुंबई में कहा कि रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी हुई, 0.25% बढ़ाकर 6.50% हुआ। उन्होंने कहा कि 2023-24 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति(inflation) औसतन 5.6% रहने की उम्मीद है। दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-2024 में रियल GDP ग्रोथ 6.4% की संभावना है। निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को बजट पेश करने के बाद MPC की यह पहली बैठक थी। पहले बता दें कि मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है।

क्लिक करके पढ़ें आखिर ये रेपो रेट क्या होता है

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देश में महंगाई पर नियंत्रण आने के बावजूद आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी का कड़ा फैसला लिया है। रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। मतलब कि रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है। इससे आपको होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगे हो जाएंगे। आपको अधिक EMI भरनी होगी। उदाहरण के तौर पर 20 साल वाले 30 लाख तक के लोन पर अब आपको 1 लाख रुपए अधिक भरने होंगे।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में मीडिया को बताया। हालांकि एक्सपर्ट पहले ही इसकी संभावना जता चुके थे। इससे पहले दिसंबर, 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था। इस तरह बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा हो चुका है। MPC की बैठक में मौजूद 6 में से 4 मेंबर ने रेपो रेट बढ़ाए जाने का समर्थन किया।

बता दें कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति(MPC) की बैठक 6 फरवरी को शुरू हुई थी। ये वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी क्रेडिट पॉलिसी है। यह बजट के तुरंत बाद हुई है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंकिग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी मौजूद है। आरबीआई पैनी नजर बनाए हुए है।

Inflation Rate in india: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) भारत में मुद्रास्फीति 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत से घटकर अगले वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जता चुका है। वहीं, 2024 में ये घटकर 4% तक पहुंच सकती है। आईएमएफ के रिसर्च विभाग के डिवीजन चीफ डेनियल लेघ ने पिछले दिनों कहा था कि ऐसा केंद्रीय बैंक की ओर से उठाए गए कदमों की वजह से संभव होगा।

IMF की ओर से जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, दुनियाभर के 84 प्रतिशत देशों में 2022 की तुलना में 2023 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर में गिरावट दर्ज की जाएगी। 2023 में वैश्विक महंगाई दर 2022 के 8.8% की तुलना में नीचे 6.6% पर पहुंच सकती है। वहीं, 2024 में यह गिरकर 4.3% पर पहुंच सकती है। इतना ही नही, धीरे-धीरे महंगाई दर कोरोना के पहले (2017-19) के स्तर यानी 3.5% तक भी पहुंच सकती है।

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