सार

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि भारत में मुद्रास्फीति 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत से घटकर अगले वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। वहीं, 2024 में ये घटकर 4% तक पहुंच सकती है।

Inflation Rate in india: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि भारत में मुद्रास्फीति 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत से घटकर अगले वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। वहीं, 2024 में ये घटकर 4% तक पहुंच सकती है। आईएमएफ के रिसर्च विभाग के डिवीजन चीफ डेनियल लेघ ने कहा कि ऐसा केंद्रीय बैंक की ओर से उठाए गए कदमों की वजह से संभव होगा।

दुनियाभर के 84% देशों में घटेगी महंगाई :

IMF की ओर से मंगलवार को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के मुताबिक, दुनियाभर के 84 प्रतिशत देशों में 2022 की तुलना में 2023 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर में गिरावट दर्ज की जाएगी। 2023 में वैश्विक महंगाई दर 2022 के 8.8% की तुलना में नीचे 6.6% पर पहुंच सकती है। वहीं, 2024 में यह गिरकर 4.3% पर पहुंच सकती है। इतना ही नही, धीरे-धीरे महंगाई दर कोरोना के पहले (2017-19) के स्तर यानी 3.5% तक भी पहुंच सकती है।

ग्लोबल लेवल पर भी घटेगी महंगाई :

IMF के मुताबिक, महंगाई दर में यह अनुमानित गिरावट आंशिक रूप से कमजोर ग्लोबल डिमांड की वजह से अंतर्राष्ट्रीय ईंधन और गैर-ईंधन वस्तुओं की कीमतों में गिरावट को दिखाती है। आईएमएफ का कहना है कि यह महंगाई दर पर काबू पाने के लिए मौद्रिक नीति की सख्ती के प्रभावों को भी दिखाता है। चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में वैश्विक स्तर पर महंगाई दर 6.9% से घटकर 2023 की चौथी तिमाही तक 4.5% प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है।

Budget 2023: होम लोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को मिल सकता है तोहफा, बजट में हो सकती है ये घोषणाएं

महंगाई दर से राहत मिलने में लगेगा वक्त :

हालांकि, IMF की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि महंगाई दर से राहत मिलने में अभी समय लगेगा। 2024 तक प्रोजेक्टेड एनुअल एवरेज कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स और मुख्य महंगाई दर क्रमशः 82 प्रतिशत और 86 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि जो कि कोरोना महामारी से पहले के स्तर के ऊपर रहेगी।

विकसित और विकासशील देशों में कैसी रहेगी महंगाई :

वहीं, विकसित अर्थव्यवस्थाओं में वार्षिक औसत मुद्रास्फीति 2022 की 7.3 प्रतिशत की तुलना में 2023 में घटकर 4.6 प्रतिशत, जबकि 2024 में 2.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आईएमएफ का कहना है कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में अनुमानित वार्षिक मुद्रास्फीति 2022 की 9.9 प्रतिशत की तुलना में 2023 में घटकर 8.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं 2024 में इसके घटकर 5.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। वहीं और आगे चलकर यह कोरोना के पहले (2017-19) के स्तर यानी 4.9% तक भी पहुंच सकती है। वहीं, कम आय वाले विकासशील देशों में महंगाई दर 2022 के 14.2 प्रतिशत की तुलना में 2024 तक घटकर 8.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

अभी लड़ाई जीत से बहुत दूर :

IMF के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान विभाग के डायरेक्टर पियरे ओलिवियर गौरिनचास के मुताबिक, महंगाई घटने की खबर भले ही उत्साहजनक है, लेकिन अभी लड़ाई जीत से बहुत दूर है। कई देशों में नए घरों के निर्माण में सुस्ती के साथ ही मौद्रिक नीति की सख्ती का असर देखा जा रहा है। साथ ही, यूरो क्षेत्र और अन्य अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति-समायोजित ब्याज दरें कम या फिर नेगेटिव बनी हुई हैं। इसके अलावा कई देशों में मौद्रिक सख्ती की गति और प्रभावशीलता दोनों के बारे में अनिश्चितता अब भी बनी हुई है।

ये भी देखें : 

Budget 2023: क्या इस बार बढ़ेगी पीएम किसान सम्मान निधि, जानें बजट से क्या हैं किसानों की उम्मीदें