दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने सिर्फ 3 शेयरों से अपनी इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू की और अरबों की संपत्ति बना चुके हैं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से रिजेक्शन के बाद उनकी जिंदगी में दो नियम आए, जिन्होंने उन्हें सफल इन्वेस्टर बना दिया।
बिजनेस डेस्क : दुनिया को कंपाउंडिंग का मैजिक समझाने वाले सबसे बड़े इन्वेस्टर ने शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट से 11 लाख करोड़ की संपत्ति बनाई है। सिर्फ 3 शेयर खरीदकर बाजार में अपनी जर्नी शुरू करने वाले इस इन्वेस्टर की कंपनी ने एपल, कोका-कोला और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी 41 कंपनियों में करीब 24 लाख करोड़ रुपए इन्वेस्ट कर रखे हैं। उनका पहला इन्वेस्टमेंट तो 11 साल की उम्र में ही आ गया था लेकिन एक इंटरव्यू में मिले रिजेक्शन ने उनकी दुनिया की बदल दी। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की हम किसकी बात कर रहे हैं? जी हां हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर वॉरेन बफे (Warren Buffett) की। 94 साल के वॉरेन बफेट आज दुनिया के 6वें सबसे अमीर इंसान हैं। शेयर बाजार में उनकी शुरुआत, उनके रूल्स और उनकी जिंदगी की कहानी काफी दिलचस्प है। पढ़िएं उनकी जिंदगी का वो हिस्सा और रूल्स जिससे अब तक आप अनजान हैं...
पुराने घर में ही रहते हैं वॉरेन बफे
दुनिया के 6वें सबसे अमीर होने के बावजूद वॉरेन बफे ओमाहा में 65 साल पुराने घर में ही रहते हैं। इस घर को उन्होंने कभी 31,500 डॉलर में खरीदा था। आज के हिसाब से इस घर की कीमत करीब 26 लाख रुपए थे। याहू फाइनेंस के अनुसार, अब उनके इस घर की कीमत 44 गुना बढ़कर 14,39,000 डॉलर यानी 11.9 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। बफे कहते हैं कि इस घर में उन्हें काफी खुशियां मिलती हैं। लेकिन किराए पर घर लेकर रहना आर्थिक रूप से ज्यादा अच्छा कदम हो सकता है। बफे की पोर्टफोपलियो में यह इकलौती अचल संपत्ति है।
एक इंटरव्यू रिजेक्शन के बाद बदली जिंदगी
वॉरेन बफे ने यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का से ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडमिशन के लिए अप्लाई किया। पता चला कि उनका इंटरव्यू शिकागो के पास एक जगह होगा। करीब 10 मिनट तक चले इंटरव्यू के बाद उनसे कहा गया कि वह हार्वर्ड नहीं जा सकते, उन्हें इसे भूल जाना चाहिए। इस पर बफे काफी परेशान तो हुए लेकिन उनकी जिंदगी यहीं से पलट गई। इस रिजेक्शन के बाद वो किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में एडमिशन को लेकर सोचने लगे। तभी कोलंबिया बिजनेस स्कूल के कैटलॉग को देखते समय उनकी नजर वहां के दो प्रोफेसरों बेंजामिन ग्राहम और डेविड डोड पर पड़ी। उन्होंने ने इन दोनों प्रोफेसर्स की लिखी बुक्स 'सिक्योरिटी एनालिसिस' पढ़ रखी थी। फिर क्या था, बफे ने उन्हें एक लेटर लिखा। जिसमें लिखा- 'डियर प्रोफेसर डोड, मुझे लगा कि आपका निधन हो चुका है लेकिन मुझे अब पता चला है कि आप जिंदा हैं और कोलंबिया में पढ़ा रहे हैं। मैं वहां आकर आपसे पढ़ना चाहता हूं।' इस लेटर के बाद वॉरेन बफे को कोलंबिया बुलाया गया और प्रोफेसर ग्राहम ने निवेश के दो नियम (Rules) सिखाए, जिसका हमेशा पालन करते हुए बफे आज इस मुकाम पर है।
वॉरेन बफे के दो नियम क्या हैं
1. नेवर लूज मनी, मतलब पैसे कभी मत खोना।
2. पहले रूल को कभी मत भूलना।
इन 3 शेयर से वॉरेन बफे ने की थी शुरुआत
वॉरेन बफेट 30 अगस्त 1930 को अमेरिका के ओमाहा शहर में पैदा हुए थे। उनके पिता हॉवर्ड बफेट स्टॉक ब्रोकर थे। इस वजह से उनका इंस्ट्रेस्ट शुरू से ही स्टॉक्स में आने लगा था। 6 साल की उम्र में चुइंग गम और कोका-कोला की बोतलें बेचकर पैसा कमाया करते थे, कुछ समय बाद न्यूज पेपर, गोल्फ बॉल, पॉपकॉर्न और मूंगफली बेचकर 120 डॉलर जुटाए और 1942 में 11 साल की उम्र में इन पैसों को बहन डोरिस के साथ मिलकर 3 शेयर खरीदें, जो अमेरिकी पेट्रोलियम कंपनी सिटीज सर्विस के थे. इन शेयरों से उन्हें 5 डॉलर का रिटर्न मिला और उनकी शेयर बाजार में जर्नी शुरू हो गई।
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