Krishi budget 2023: खेती में आधुनिक तकनीक बढ़ेगी, तैयार होगा डिजिटल बुनियादी ढांचा, मिलेगा 20 लाख करोड़ रुपए कर्ज
आम बजट (Krishi budget 2023) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार खेती के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है। मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जा रहा है। खेती को आधुनिक बनाया जा रहा है।
Vivek Kumar | Published : Feb 1, 2023 5:07 AM IST / Updated: Feb 01 2023, 01:39 PM IST
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का दसवां आम बजट (Budget 2023) पेश किया। कृषि क्षेत्र को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि खेती में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। बागवानी की उपज के लिए 2200 करोड़ रुपए दिए गए हैं। केंद्र सरकार मोटे अनाज की उपज को बढ़ावा दे रही है। वित्त वर्ष 2024 के लिए कृषि कर्ज का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपए है।
कृषि को लेकर बजट की मुख्य बातें
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कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। यह फसल योजना और स्वास्थ्य के लिए सूचना देगा। इसके साथ ही किसानों की समस्याओं का समाधान भी करेगा। इससे किसानों को लोन, बीमा और बाजार की स्थिति जैसी अनेक जानकारी मिलेगी। इससे कृषि-प्रौद्योगिकी उद्योग और स्टार्ट-अप के विकास में मदद मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों द्वारा लगाए जाने वाले कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि एक्सेलरेटर फंड की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए नई और किफायती समाधान लाना है। इससे कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ेगा।
सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से लंबे स्टेपल (रेशा) वाले कपास की उत्पादकता बढ़ाई जाएगी। इसके लिए क्लस्टर आधारित मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
2,200 करोड़ रुपए के खर्च से बागवानी के लिए रोग-मुक्त, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर स्वच्छ पौधा कार्यक्रम शुरू करेंगे।
मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने में भारत सबसे आगे है। इसके इस्तेमाल से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों का कल्याण होता है। हम दुनिया में 'श्री अन्ना' के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं। हम कई प्रकार के 'श्री अन्ना' उगाते हैं जैसे ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कांगनी, कुटकी, कोदो, चीना और समा। इनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं और सदियों से हमारे भोजन का एक अभिन्न अंग रहे हैं।
भारत को 'श्री अन्ना' के लिए वैश्विक केंद्र बनाने के लिए भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी शेयर करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में समर्थन दिया जाएगा।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ किया जाएगा।
6,000 करोड़ रुपए से पीएम मत्स्य संपदा योजना शुरू होगी। इससे मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म व लघु उद्यमों की मदद की जाएगी।
देश में वैकल्पिक उर्वरकों को प्रोत्साहन देने के लिए 'पीएम प्रणाम' योजना की शुरुआत की जाएगी। गोबर धन योजना के अंतर्गत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं।
40% से अधिक लोगों को रोजगार देता है कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के लिए कृषि महत्वपूर्ण क्षेत्र है। GDP में कृषि का हिस्सा 15% है। यह क्षेत्र देश की कुल आबादी के 40% से अधिक लोगों को रोजगार देता है। यह क्षेत्र खाद्य सुरक्षा के लिए काफी अहम है। रूस-यूक्रेन जंग के चलते पूरी दुनिया में खाद्य संकट आया। भारत ने जरूरतमंद देशों को अनाज देकर मदद की।
सबसे सफल योजनाओं में से एक है पीएम किसान योजना पीएम किसान योजना केंद्र सरकार की सबसे सफल योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपए की मदद दी जाती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 11.3 करोड़ किसानों को दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी जा चुकी है। इस योजना को फरवरी 2019 में शुरू किया गया था। इसे दिसंबर 2018 से लागू किया गया था।