खतरे में है यूरोप की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी, जानें क्यों मंदी की चपेट में आया ये खूबसूरत देश

यूरोप की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नीदरलैंड्स मंदी की चपेट में है। नीदरलैंड्स की जीडीपी (GDP) में लगातार दूसरी तिमाही में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। आइए जानते हैं क्या हैं वो वजहें, जिसके चलते मंदी की चपेट में पहुंच गया नीदरलैंड्स।

Ganesh Mishra | Published : Aug 16, 2023 12:54 PM IST / Updated: Aug 16 2023, 06:29 PM IST

Netherlands Recession 2023: यूरोप की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नीदरलैंड्स मंदी की चपेट में है। नीदरलैंड्स की जीडीपी (GDP) में लगातार दूसरी तिमाही में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। देश के तिमाही सकल घरेलू उत्पाद में दूसरी तिमाही में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। साल के पहले तीन महीनों में 0.4 प्रतिशत की गिरावट के बाद यह लगातार दूसरी तिमाही में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आखिर क्या हैं वो वजहें, जिसके चलते मंदी की चपेट में पहुंच गया नीदरलैंड्स।

1- उपभोक्ता खर्च में इजाफा और निर्यात में गिरावट

नीदरलैंड्स में मंदी की एक सबसे बड़ी वजह महंगाई के साथ ही उपभोक्ता खर्च में इजाफा और निर्यात (एक्सपोर्ट) में जारी लगातार गिरावट है। इससे खाने-पीने की चीजों के दाम के साथ ही बिजली और दूसरी तरह की एनर्जी के दाम में भी इजाफा हुआ है। बता दें कि 2023 के पहले तीन महीनों जनवरी-मार्च में ही निर्यात में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई।

2- निर्यात घटने के साथ ही आयात में मामूली ग्रोथ

2023 की पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में 0.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, वस्तुओं और सेवाओं के आयात में 0.5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई। नीदरलैंड्स में निर्यात में गिरावट के साथ ही आयात में हल्की ग्रोथ ने भी देश को महंगाई की चपेट में पहुंचा दिया।

3- मुद्रास्फीति (महंगाई)

नीदरलैंड में मुद्रास्फीति पिछले साल सितंबर, 2022 में 14.5% के शिखर पर पहुंचने के बाद से कम हो गई है। हालांकि, 2023 की दूसरी तिमाही में अभी भी लगभग 6% के आसपास है, जो कि तुलनात्मक रूप से ज्यादा है। बता दें कि मंदी के चलते नीदरलैंड्स में रोजगार पर नेगेटिव असर देखने को मिल सकता है। आने वाले महीनों में बेरोजगारी दर 3.5% से बढ़कर 4% हो सकती है।

4- कंस्ट्रक्शन-मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्शन में गिरावट

अप्रैल में कंस्ट्रक्शन प्रोडक्शन में -5.3% की गिरावट आई। वहीं, मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्शन में -3.9% की गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल में माल आयात में 7.2% की वृद्धि हुई, वहीं निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। मौजूदा घरों की कीमतें अप्रैल में -1.0% और मई में -0.6% गिर गईं।

मंदी से उबारने के लिए सरकार कर सकती है ये उपाय

नीदरलैंड्स ने 2021 और 2022 में करीब 5 प्रतिशत सालाना इकोनॉमिक ग्रोथ हासिल की थी। कोविड से उबरने के दौरान इसे काफी अच्छा कहा जा सकता है। अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने और व्यवसायों को कर में छूट देने जैसे कदम उठाएगी। ताकि नीदरलैंड्स को मंदी से उबरने में मदद मिल सके।

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