बड़े करदाताओं में से करीब 92 प्रतिशत ने 2017-18 के लिए भरा सालाना रिटर्न; GSTN

Published : Feb 16, 2020, 07:59 PM IST
बड़े करदाताओं में से करीब 92 प्रतिशत ने 2017-18 के लिए भरा सालाना रिटर्न; GSTN

सार

जीएसटी नेटवर्क ने रविवार को कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले करीब 92 प्रतिशत बड़े करदाताओं ने 2017-18 के लिये सालाना रिटर्न भर दिया है  

नई दिल्ली: जीएसटी नेटवर्क ने रविवार को कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले करीब 92 प्रतिशत बड़े करदाताओं ने 2017-18 के लिये सालाना रिटर्न भर दिया है। माल एवं सेवा कर के एक जुलाई 2017 से लागू होने के बाद यह पहला मौका है जब जीएसटी के तहत पंजीकृत कंपनियों को सालाना रिटर्न जीएसटीआर-9 और मिलान ब्योरा जीएसटीआर-9सी भरना है।

जीएसटीएन ने एक बयान में कहा, ‘‘आंकड़ों के अनुसार पात्र बड़े करदाताओं में से 91.3 प्रतिशत ने 12 फरवरी 2020 तक अपना सालाना रिटर्न दाखिल किया है। इसी प्रकार 92.3 प्रतिशत पात्र बड़े करदाताओं ने इस तारीख तक अपना मिलान ब्योरा भरा है।’’

सालाना रिटर्न फाइल करना वैकल्पिक है

दो करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार वाले करदाताओं के लिये सालाना रिटर्न फाइल करना वैकल्पिक है। वहीं 2 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिये यह जरूरी है। कुछ करदाताओं को मिलान प्रमाणपत्र भी भरना होता है जिसे जीएसटीआर-9सी के नाम से जाना जाता है। इसे जीएसटीआर-9 भरने के बाद ही भरा जा सकता है।

आंकड़ों के अनुसार दो करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले करदाताओं की संख्या 12.42 लाख है। यह 92.58 लाख नियमित करदाताओं का केवल 13.4 प्रतिशत है। इसका मतबल है कि 80.16 लाख करदाताओं को सालाना रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है।

महाराष्ट्र 96 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है

हालांकि, जीएसटीएन के आंकड़े के अनुसार 1.04 लाख करदाताओं ने मिलाना ब्योरा भरा है। ये वे करदाता हैं जिनका सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये तक है। जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यापारियों द्वारा जिन राज्यों में सर्वाधिक जीएसटी रिटर्न फाइल किये गये हैं, उसमें महाराष्ट्र 96 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमश: राजस्थान और गुजरात (95-95 प्रतिशत) का स्थान है।

जीएसटीआर 9 और 9सी भरने की अंतिम तारीख विभिन्न राज्यों में अलग-अलग थी। यह फीन फरवरी, पांच और सात फरवरी थी। जीएसटीएन ने कहा कि जिन करदाताओं ने निर्धारित समयसीमा में 2017-18 का रिटर्न फाइल नहीं किया है वे अब भी विलम्ब शुल्क के साथ इसे फाइल कर सकते हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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