इन 5 सरकारी बैंकों को निजीकरण के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया, 2 पर तो 3 दिन बाद हो सकता है फैसला

केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों के निजीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पहले चरण में दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाना है। कुल 5 सरकारी बैंक निजीकरण के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 10, 2021 7:56 AM IST / Updated: Apr 10 2021, 01:44 PM IST

बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों के निजीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पहले चरण में दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाना है। कुल 5 सरकारी बैंक निजीकरण के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए हैं। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, अगले सप्ताह नीति आयोग (Niti Aayog), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के वित्तीय सेवाओं और आर्थिक मामले विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में इसके बारे में फैसला लिया जाएगा। यह बैठक बुधवार 14 अप्रैल को होगी। नीति आयोग ने 4-5 पब्लिक सेक्टर के बैंकों के निजीकरण के बारे में सुझाव दिया है, जिसे लेकर बैठक में चर्चा की जाएगी। 

लिस्ट में कौन-से बैंक शामिल
जानकारी के मुताबिक, नीति आयोग ने निजीकरण के लिए 4-5 बैंकों के नाम सुझाए हैं। माना जा रहा है कि इनमें से 2 बैंकों के नाम तय किए जाएंगे। निजीकरण की लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक के नाम की चर्चा है। इन बैंकों के शेयर में भी काफी उछाल देखा जा रहा है।

ये बैंक लिस्ट में शामिल नहीं
नीति आयोग के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा जिन बैंकों का एकीकरण किया गया है, उनका निजीकरण नहीं होगा। फिलहाल, देश में 12 सरकारी बैंक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, निजीकरण की लिस्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा नहीं हैं।

बजट में हुई थी निजीकरण की घोषणा
सरकार ने बजट में बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। अगले साल दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी चल रही है। अभी तक निजीकरण के लिए किसी भी बैंक का अंतिम रूप से चुनाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंकों और 1 साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव रखा था।

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