ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कहा है कि भारत की रेटिंग उसकी औसत से ज्यादा जीडीपी ग्रोथ का संकेत देती है। एजेंसी ने भारत के बाहरी (एक्सटर्नल प्रोफाइल) को भी बेहतर बताया है।
बिजनेस डेस्क। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कहा है कि भारत की रेटिंग उसकी औसत से ज्यादा जीडीपी ग्रोथ का संकेत देती है। एजेंसी ने भारत के बाहरी (एक्सटर्नल प्रोफाइल) को भी बेहतर बताया है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की बीबीबी-लॉन्ग टर्म और ए-3 सॉवरेन रेटिंग बरकरार रखी है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं के मजबूत रहने से नीतिगत मामलों में स्थिरता को बढ़ावा मिलता है। भारत के बारे में अपनी रिपोर्ट में एसएंडपी ने कहा है कि इससे प्रति व्यक्ति कम आय के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
लंबी अवधि में ग्रोथ रेट को लेकर जोखिम
हालांकि, एसएंडपी ने कहा है कि लंबी अवधि में भारत के ग्रोथ रेट को लेकर जोखिम बढ़ रहा है, लेकिन आर्थिक सुधारों को ठीक से जारी रखा गया तो भारत का ग्रोथ रेट दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा रहेगा। एसएंडपी ने कहा है कि कोविड-19 का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ने से भारत की राजकोषीय स्थिति कमजोर होगी। एजेंसी ने इस साल राजकोषीय घाटा ज्यादा होने की आशंका जताई है।
3 साल बाद अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
एसएंडपी ने कहा है कि कोविड संकट के कारण फिलहाल अर्थव्यवस्था कमजोर रहेगी, लेकिन 3 साल बाद इसमें मजबूती देखने को मिलेगी। एसएंडपी ने कहा है कि लंबी अवधि में भारत के स्टेबल आउटलुक से यह उम्मीद है कि भारत की अर्थव्यवस्था कोविड के संकट से उबर जाएगी और यह देश अपना नेट एक्सटर्नल पोजिशन बनाए रखेगा। एसएंडपी ने कहा है कि स्टेबल आउटलुक से यह भी संकेत मिलता है कि कई वर्षों तक उच्च स्तर पर रहने के बाद राजकोषीय घाटे में वित्त वर्ष 2021 में कमी आएगी। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की फॉरेन करंसी और लोकल करंसी लॉन्ग टर्म इस्यूअर रेटिंग को बीएओ2 से घटा कर बीएए3 कर दिया था।