क्या प्रति व्यक्ति GDP में बांग्लादेश, भूटान से भी पिछड़ जाएगा भारत?, जानें यहां...

IMF की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 1,888 डॉलर (करीब 1.38 लाख रुपये) रह सकती है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,877 डॉलर (करीब 1.37 लाख रुपये) ही रह सकती है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 14, 2020 10:42 AM IST

नई दिल्ली. वैश्विक संस्था अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 1,888 डॉलर (करीब 1.38 लाख रुपये) रह सकती है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,877 डॉलर (करीब 1.37 लाख रुपये) ही रह सकती है। हालांकि ये सिर्फ अनुमान हैं लेकिन आईएमएफ ने भारत के चालू वित्तिय वर्ष की प्रति व्यक्ति जीडीपी को 10.5 प्रतिशत तक घटने की आशंका जताई है।

आईएमएफ के अनुसार इस साल बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी में 4 फीसदी की बढ़त होगी, दूसरी तरफ, भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी इस साल करीब 10.5 फीसदी घटने की आशंका है। रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशिया में भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में सिर्फ नेपाल और पाकिस्तान से ही आगे रहेगा। इस मामले में भारत, बांग्लादेश के अलावा मालदीव, भूटान और श्रीलंका से भी पिछड़ सकता है। भारत के इसमें पिछड़ने की मुख्य वजह को आईएमएफ ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस बताया है। इसी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई है।

भारत की जनसंख्या भी बढ़ी

भारत की जीडीपी साल 2019 में 2875 अरब डॉलर थी और जनसंख्या करीब 136 करोड़ थी। इस साल भारत की जनसंख्या 138 करोड़ होने के आसार हैं। दूसरी तरफ साल 2019 में बांग्लादेश की जीडीपी 302 अरब डॉलर थी और वहां की जनसंख्या करीब 16 करोड़ है। इस साल 2020 में वहां की जनसंख्या 16.5 करोड़ रहने का अनुमान है। 

क्या होती है जीडीपी? 

किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं। यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है। इसकी गणना आमतौर पर सालाना होती है, लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही भी आंका जाता है। भारत में कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया था।

जीडीपी से कैसे अलग है प्रति व्यक्ति जीडीपी? 

प्रति व्यक्ति जीडीपी का ये अर्थ है कि किसी देश में प्रति व्यक्ति के हिसाब से आर्थिक उत्पादन कितना है। इसकी गणना किसी देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वहां की कुल जनसंख्या का भाग देकर निकाला जाता है। इसे किसी देश की आर्थिक समृद्धि मापने के लिए जीडीपी से बेहतर पैमाना आजकल माना जा रहा है। अमूमन यह देखा जाता है कि छोटे, कम जनसंख्या वाले विकसित औद्योगिक देशों की प्रति व्यक्ति जीडीपी काफी ज्यादा होती है।

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