सरकार जल्द ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की परिभाषा में बदलाव करने जा रही है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले पांच साल के दौरान एमएसएमई क्षेत्र में पांच करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किये जायेंगे।
नई दिल्ली. सरकार जल्द ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की परिभाषा में बदलाव करने जा रही है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले पांच साल के दौरान एमएसएमई क्षेत्र में पांच करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किये जायेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि सरकार एमएसएमई कानून में संशोधन कर सकती है जिसमें पूरे क्षेत्र के लिये एक परिभाषा तय की जा सकती है।
MSME कानून में हो सकता है बदलाव
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को अद्यतन कर समूचे क्षेत्र के लिये कराधान, निवेश जैसे विभिन्न मामलों को ध्यान में रखते हुये एक परिभाषा बनाई जा सकती है। परिभाषा में यह संशोधन एमएसएमई कानून में संशोधन के जरिये किया जा सकता है। यह देश में कारोबार सुगमता परिदृश्य को और बेहतर बनाने की दिशा में एक और कदम होगा। पिछले साल फरवरी में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एमएसएमई वर्गीकरण के मानदंडों में बदलाव के लिये संशोधन को मंजूरी दी थी। यह बदलाव एमएसएमई के वर्गीकरण को ‘संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश राशि’ के बजाय उनके सालाना कारोबार के आधार पर किये जाने के बारे में किया गया।
जल्द ही होंगे व्यपक बदलाव- गडकरी
एमएसएमई की परिभाषा में प्रस्तावित बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ने कहा कि इसे जल्द ही अमल में लाया जायेगा। एमएसएमई मंत्री ने यहां एक लक्जरी सिम्पोजियम 2019 के मौके पर संवाददाताओं से अलग से बातचीत में यह कहा। गडकरी ने कहा, ‘‘हमारी एक बैठक होगी और उसके बाद इसे अंतिम रूप दे दिया जायेगा (एमएसएमई परिभाषा में बदलाव को)।’’ उन्होंने आगे कहा कि व्यापक बदलावों को जल्द ही किया जायेगा।
एमएसएमई क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था का ह्रदय माना गया है। सकल घरेलू उत्पाद में इसका 29 प्रतिशत योगदान है। अब तक इस क्षेत्र ने 11 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किये हैं। मंत्री ने कहा कि अब हमारा लक्ष्य पांच साल के लिये यह है कि हम पांच करोड़ से अधिक रोजगार के और अवसर पैदा करेंगे। विशेषकर जनजातीय, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में यह अवसर पैदा किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही सौर वस्त्र योजना के तहत 13 शंकुलों को मंजूरी देने की प्रक्रिया में है। ऐसे प्रत्येक शंकुल में 3,000 से लेकर 3,500 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)