MP में इसी सत्र से बोर्ड पैटर्न पर होंगी 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं, 12 साल बाद फिर हुआ बदलाव

मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar)  ने कहा कि इस सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं ली जाएंगी, इसकी व्यापक तैयारियां की जा चुकी हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2021 3:21 AM IST

करियर डेस्क. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 5वीं और 8वीं (5th And 8th Class Exams) की परीक्षाएं इस सत्र से बोर्ड एग्जाम पैटर्न (board pattern) पर ली जाएंगी। यह जानकारी मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने दी। उन्होंने कहा कि इस सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं ली जाएंगी, इसकी व्यापक तैयारियां की जा चुकी हैं। परमार ने शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन के लिए भाषा की महत्ता पर जोर देते हुए मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन  की बात भी रखी।

परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में 53 विश्व-स्तरीय स्कूल बनाए जा रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार के लिए 350 सीएम राइज स्कूल की स्थापना की जा रही है। प्रयास यह है कि विद्यार्थी इनमें देश के अन्य राज्यों की भाषा का ज्ञान भी ले सकें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, भारतीय संस्कृति, सभ्यता और गौरव की पुनर्स्थापना के साथ ही भारत को विश्व का सिरमौर बनाने की दिशा में आजादी के बाद उठाया गया सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थियों का मूल्यांकन, परीक्षाओं के वर्तमान स्वरूप के अलावा विद्यार्थी की समग्र योग्यता की दृष्टि से विचार किया जाना आवश्यक है। विभाग के कुछ लोगों के साथ बैठकर चर्चा कर भी नीति बना सकते थे, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चिंतन-मनन कर आम लोगों, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं सामाजिक लोगों की सहभागिता और सुझाव लेना इस राष्ट्रीय सेमिनार का उद्देश्य है।

बता दें कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद 5वीं और 8वीं की बोर्ड एग्जाम को खत्म कर दिया गया था। कक्षा 05 वीं और आठवीं की बोर्ड पैटर्न परीक्षा राज्य शिक्षा केंद्र आयोजित करेगा। क्वेश्चन पेपर राज्य स्तर से सेट किया जाएगा। कॉपियों की जांच अन्य स्कूलों के शिक्षक से कराई जाएगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद 05वी और 08वीं की बोर्ड परीक्षाओं को समाप्त कर दिया गया था। अधिनियम में किसी भी विद्यार्थी को कक्षा आठवीं तक फेल नहीं करने की बात कही गई थी इसके बाद शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाए रखने 2017-18 में अधिनियम में संशोधन किया गया। अधिनियम में संशोधन कर राज्यों को पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर करवाने के अधिकार दिए गए थे। लेकिन अब 12 साल बाद एक बार फिर से पांचवी और आठवीं तक के एग्जाम को बोर्ड पैटर्न पर कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।

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