नंदलाल का कहना है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना सपना है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति उस कदर नहीं। इसलिए बीए करने के बाद बीएड की पढ़ाई कर शिक्षक बनूंगा। ताकि घर-परिवार का खर्चा उठा सकूं।
करियर डेस्क : यह तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बनी हुई है। इसमें दिखने वाले युवक के दोनों हाथ नहीं है लेकिन उसका जज्बा सातवें आसमान पर है। वह पैरों से ग्रेजुएशन का पेपर दे रहा है। तस्वीर में दिखने वाला यह छात्र बिहार (Bihar) के मुंगेर (Munger) जिले का नंदलाल है। नंदलाल के जज्बे की तस्वीर जब लोगों से सामने आई तो हर कोई उससे प्रेरणा लेने लगा। लोग उसकी तरीफ कर रहे हैं। उसके जज्जे को सलाम कर रहे हैं। नंदलाल का सपना है कि वह आगे चलकर एक IAS अफसर बने।
हाथ खोया लेकिन हौसला नहीं
नंदलाल जिले के संत टोला का रहने वाला है। जो कि हवेली खड़गपुर नगर इलाके में आता है। उसका सपना है कि वह IAS ऑफिसर बनकर देश की सेवा करे। साल 2006 की बात है जब करंट लगने से नंदलाल के दोनों हाथ कट गए थे। परिवार को चिंता थी कि बेटे का भविष्य क्या होगा लेकिन बेटे का हौसला इतना बड़ा होगा यह उन्होंने कभी नहीं सोचा था। नंदलाल ने अपनी तकरीद खुद लिखनी शुरू की और आज वह अपने पैरों के सहारे हर काम कर लेता है।
ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर की परीक्षा दे रहे नंदलाल
नंदलाल आरएस कॉलेज तारापुर के स्टूडेंट हैं। यहीं वह बीए पार्ट वन की परीक्षा दे रहा है। पेपर में नंदलाल अपने पैरों से हर सवाल का जवाब लिखते हैं। उनकी यही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उस वक्त वह अर्थशास्त्र का पेपर दे रहा था। नंदलाल का परिवार काफी गरीब है। पिता अजय साह एक छोटी सी दुकान है। इसी से परिवार का खर्चा चलता है। गरीबी और दिव्यांगता की पहाड़ जैसी चुनौती भी नंदलाल के हौसले को डिगा नहीं पाई है और वह अपना सपना पूरा करने कड़ी मेहनत कर रहा है।
IAS अफसर बनना है सपना
नंदलाल का सपना है कि वह IAS अफसर बनकर देश की सेवा करे। अभी वह बीए फर्स्ट ईयर में है। जिसके बाद वह बीएड करना चाहता है। इसके बाद IAS की तैयारी करना लक्ष्य है। साल 2017 में नंदलाल ने हाईस्कूल की परीक्षा दी थी और फर्स्ट डिवीजन पास हुआ था। तब उसे तत्कालीन एसडीओ ने एक लाख की राशि भी दी थी। साल 2019 में साइंस से 12वीं की परीक्षा भी नंदलाल ने फर्स्ट डिवीजन से पास की थी।
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