पत्नी के शव को कंधे पर टांगे 10 किलोमीटर तक चलने वाले दाना मांझी की बेटी ने रोशन किया पिता का नाम

बहुचर्चित दाना माझी की बेटी चांदिनी माझी ने मैट्रिक की परीक्षा में सफलता हासिल की है। बता दें कि 24 अगस्त 2016 को  पैसे ना होने के कारण दाना माझी को अपनी पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक पैदल कंधे पर ढोना पड़ा था।

Asianet News Hindi | Published : Jun 26, 2021 10:43 AM IST

करियर डेस्क : 24 अगस्त 2016 का वह किस्सा तो आपको याद ही होगा जब ओडिशा के कालाहांडी जिले में शव वाहन नहीं मिलने पर एक मजबूर पति अपने पत्नी के शव को कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर तक पैदल ले जाने को मजबूर था। जी हां, हम बात कर रहे हैं ओडिशा के रहने वाले दाना माझी (Dana Majhi) की, जो 5 साल पहले अपनी मजबूरी को लेकर सुर्खियों में आए थे। अब दाना मांझी एक बार फिर चर्चा में है लेकिन इस बार उनके सुर्खियों में रहने की वजह उनकी बेटी चांदनी माझी (Chandini Majhi) है, जिसने हाल ही में हाल ही में दसवीं बोर्ड की परीक्षा पास की है। चांदनी वही बच्ची है, जो अपनी मां की मौत के बाद अपने पिता के साथ उनके शव को लेकर 10 किलोमीटर तक चली थीं।

बता दें कि चांदनी ने भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की ओर से चलाए जा रहे आदिवासी स्कूल से पढ़ाई की है। उनकी मां की मौत के बाद इस स्कूल के संस्थापक ए सामंत ने दाना माझी की तीनों बेटियों को स्कूल में दाखिला दिया था। तब से तीनों लड़कियां इसी स्कूल में पढ़ रही हैं। शुक्रवार को ओडिशा बोर्ड का रिजल्ट घोषित किया गया। जिसमें चांदनी को दसवीं में 600 में से 280 अंक मिले हैं। इस इंस्टीट्यूट के कुल 1900 छात्र इसबार 10वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे। जिनमें से सभी स्टूडेंट्स पास हुए हैं। वहीं पूरे राज्य का रिजल्ट भी 97.89 प्रतिशत रहा। 

KISS (कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज) के संस्थापक डॉ. ए सामंत ने ट्वीट किया कि दाना माझी की सबसे बड़ी चांदनी माझी ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है, जिसके नतीजे शुक्रवार को घोषित किए गए। उसके प्रदर्शन के बारे में जानने के लिए ग्रामीण उत्साहित हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें प्रेरणा और आशा की ऐसी कहानियों पर गर्व है। बता दें कि अच्युता सामंत ने माझी के बेटियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली है और तीनों बेटियों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं।

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