कभी शिक्षा का केंद्र रहे बिहार में आज लेटलतीफ सेशन की वजह से पढ़ाई का स्तर काफी बिगड़ा है। हालत यह है कि ग्रेजुएशन कोर्स तीन की जगह छह साल में भी बड़ी मुश्किल से पूरा हो पा रहा है।
नई दिल्ली।
आज के स्मार्ट युग में कम समय में ज्यादा पढ़ाई का ट्रेंड है, मगर बिहार तो बिहार है। वह सुधर जाए तो फिर बात ही क्या। जी हां, वहीं बिहार जो कभी शिक्षा का केंद्र हुआ करता था। मगर आज यहां नाम बड़े और दर्शन छोटे वाला मामला है। यहां एक यूनिवर्सिटी ऐसी है, जहां ग्रेजुएशन कोर्स तीन साल में नहीं बल्कि, छह साल में पूरा होता है।
यह अजीबो-गरीब कारनामा मगध यूनिवर्सिटी में अंजाम दिया जा रहा है। वैसे तो ग्रेजुएशन कोर्स 3 साल और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स 2 साल में पूरा होना चााहिए, मगर पिछले कुछ साल से रिजल्ट बनाने में ऐसी अनियमिततता बरती जा रही है कि ग्रेजुएशन कोर्स ही तीन की जगह छह साल में भी बड़ी मुश्किल से पूरा हो पा रहा है।
कई बार विरोध प्रदर्शन हुआ, मंत्री तक से मिल लिए छात्र
यहां के छात्र अपने भविष्य को लेकर जबरदस्त तनाव में हैं। छात्र इस बारे में कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। कुलपति से लेकर मंत्री तक मिल चुके हैं। मगर कोई कुछ नहीं कर पाया। एक छात्रा तो इतनी परेशान और दुखी हो गई कि पटना में जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय में पहुंचकर रोने लगी।
डिग्री मिलने में लंबा गैप हो रहा
2017-20 के कुछ छात्रों ने पटना में पिछले दिनों प्रदर्शन किया। वे शिक्षा मंत्री से भी मिलने पहुंचे, लेकिन मंत्री जी किसी और जरूरी काम मे मशरूफ थे। छात्रों का कहना है कि जो ग्रेजुएशन कोर्स तीन साल में पूरा होना चाहिए, मगध यूनिवर्सिटी में छह साल में भी बड़ी मुश्किल से पूरा होता है। इससे उन्हें डिग्री मिलने में लंबा गैप हो रहा है। इससे उनका भविष्य खराब हो रहा है।
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