अनोखा स्कूल : यहां नहीं लगती फीस, रहना खाना सब फ्री, हर महीने पढ़ने के मिलते हैं पैसे, साल में सिर्फ 30 एडमिशन

इस स्कूल में पढ़ाई के दौरान छात्रों को हर महीने 5 हजार रुपए तक मिलता है। 4 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को 1 लाख रुपए और 6 साल की पढ़ाई के बाद 2 लाख रुपए दिए जाते हैं। यह राशि हर महीने मिलने वाली राशि से अलग होती है।

करियर डेस्क : आज देश में महंगे से महंगा स्कूल है। जहां अपने बच्चों का एडमिशन करवाना हर किसी के बस की बात नहीं है। हर महीने की फीस ही एक महीने की सैलरी के बराबर होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा भी स्कूल है, जहां मुफ्त में पढ़ाई होती है। इस स्कूल में किसी तरह की फीस (School Without Fees) नहीं लगती है। इतना ही नहीं, जब बच्चे की पढ़ाई कंप्लीट हो जाती है तो उसकी योग्यता के हिसाब से उसे 6 लाख रुपए भी स्कूल की तरफ से दिए जाते हैं। आप सोच रहे होंगे आखिर ऐसा भी स्कूल हो सकता है क्या, जी हां ऐसा स्कूल है, आइए जानते हैं इसके बारें में..

125 साल पुराना स्कूल

Latest Videos

गुजरात (Gujarat) के मेहसाणा में ‘श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला’ (Shrimad Yashovijayji Jain Sanskrit Pathshala) है। इसकी स्थापना 1897 में हुई थी, मतलब यह 125 साल पुराना स्कूल है। इस स्कल से अब तक 2,850 छात्र पढ़कर निकले हैं। इनमें से 220 ने पूर्ण संयम के जीवन का रास्ता चुना। वहीं, यहां से दीक्षा लेने वाले 36 श्रमण भगवंत आचार्य पद पर हैं। कुछ छात्र यहां से निकलकर तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में रहते हैं। वहीं, कुछ आज भी गुजरात में हैं।

हर साल 30 स्टूडेंट्स का एडमिशन

श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला के मुताबिक, यहां हर साल 30 स्टूडेंट्स का एडमिशन होता है। इन छात्रों के पैरेंट्स से किसी तरह का कोई पैसा नहीं लिया जाता है। पढ़ाई के दौरान संस्था इन्हें हर महीने 5 हजार रुपए तक देती है। 4 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को 1 लाख रुपए और 6 साल की पढ़ाई के बाद 2 लाख रुपए दिए जाते हैं। यह राशि हर महीने मिलने वाली राशि से अलग होती है।

इन छात्रों को मिलते हैं 6 लाख रुपए

संस्था के मुताबिक, यहां कानून और व्याकरण समेत विशेष पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को 3 लाख रुपए तक की राशि दी जाती है। कई छात्र ऐसे भी हैं, जिनकी प्रतिभा पर 6 लाख रुपए तक दिए गए हैं। यहां बच्चों को हर तरह से पारंगत बनाने के लिए एक लाइब्रेरी भी है। इस लाइब्रेरी में 12 हजार किताबें हैं। यहां पढ़ने के बाद छात्र नए छात्रों को पढ़ाते हैं।

इसे भी पढ़ें

कहानी उन कश्मीरी लड़कों की जो घर-घर को बनाना चाहते हैं ज्ञान का खजाना, मिशन 'विलेज लाइब्रेरी', विजन हर किसी को पढ़ाना

 

इतिहास : बाबर से लेकर शाहजहां तक..जानिए मुगलकाल में कैसी होती थी होली, रंगों की जगह क्यों इस्तेमाल होता था शराब

 

Share this article
click me!

Latest Videos

43 साल बाद कुवैत पहुंचे भारतीय पीएम, जमकर लगे मोदी-मोदी के नारे
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
जयपुर हादसे में सबसे बड़ा खुलासा: सच हिलाकर रख देगा, पुलिस भी हो गई शॉक्ड
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
चुनाव से पहले केजरीवाल ने खेला दलित कार्ड, लॉन्च की अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना