
Chief Election Commissioner Salary 2025: भारत में होने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों को सपन्न कराने की जिम्मेदारी देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के ऊपर होती है। निष्पक्ष चुनाव कराने, मतगणना से लेकर रिजल्ट तक के कार्य चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) के नेतृत्व में ही संपन्न होते हैं। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि देश में होने वाले चुनावों को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने जैसी बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाले भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को कितनी सैलरी मिलती है और उन्हें कौन-कौन सी सुविधाओं का लाभ मिलता है? जानिए
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को भारत सरकार के सचिव के बराबर दर्जा और सैलरी मिलती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें महीने के 3,50,000 रुपए सैलरी मिलती है। इसके अलावा, 34,000 रुपए का मासिक व्यय भत्ता भी मिलता है, जो पूरी तरह टैक्स फ्री है।
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मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके परिवार के लिए कई सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। जिसमें-
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 साल या 65 साल की उम्र तक होता है, दोनों में से जो भी पहले पूरा हो जाए, वही मान्य होता है। सेवा समाप्त होने के बाद उन्हें पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य रिटायरमेंट लाभ भी मिलते हैं। पेंशन उनके अंतिम वेतन और सेवा अवधि के आधार पर तय होती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त का पद पूरी तरह स्वतंत्र होता है। उनका मुख्य काम चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना है। चुनाव आयोग के फैसले सीधे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और जनता की सोच पर असर डालते हैं। अगर तुलना करें, तो मुख्य चुनाव आयुक्त को सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर सैलरी और स्टेटस मिलता है, जो उनकी जिम्मेदारी और पद की गरिमा को दर्शाता है।
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