
Delhi Entrepreneur Viral Post: दिल्ली के एक बिजनेसमैन की सोशल मीडिया पोस्ट इन दिनों खूब चर्चा में है। हुआ ये कि जब एक उद्यमी को अपने ही कर्मचारी की निजी खर्चों से जुड़ी एक बात पता चली, तो वे हैरान रह गए। कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति और उनकी लाइफस्टाइल को लेकर अक्सर बहस होती रहती है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग था। खड़क सिंह दा ढाबा के को-फाउंडर और द चाइना डोर के फाउंडर कवलजीत सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी में काम करने वाला एक कर्मचारी, जो सिर्फ 26000 रुपये महीने की सैलरी पाता है, ने 70000 रुपये का iPhone खरीद लिया। यही बात देखकर वे दंग रह गए और उन्होंने पूरा किस्सा X (ट्विटर) पर शेयर कर दिया, जिसके बाद लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
कवलजीत सिंह ने बताया कि यह कर्मचारी पहले कंपनी में एक डिलीवरी ड्राइवर के तौर पर जुड़ा था, लेकिन मेहनत और ईमानदारी से काम करते-करते वह आज लोकल ऑपरेशन्स संभाल रहा है। फोन खरीदने के लिए उसने पहले कंपनी से 1 महीने की एडवांस सैलरी ली, 14000 रुपये कैश दिए, बाकी 30000 रुपये की फाइनेंसिंग, जिसे वह अगले 12 महीनों तक हर महीने करीब 3000 रुपये ईएमआई से चुकाएगा। सिंह ने मजाकिया अंदाज में पोस्ट किया, 'Mind-Blown' नीचे देखें वायरल पोस्ट-
पोस्ट वायरल होने के बाद इंटरनेट पर दो तरह की बातें सामने आईं। कुछ लोगों ने कहा कि कर्मचारी को अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर करनी चाहिए और यह कि किसी को उसकी आर्थिक स्थिति के हिसाब से महंगे फोन पर इतना खर्च नहीं करना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ कई यूजर्स ने कवलजीत सिंह को ही घेर लिया, यह कहते हुए कि सैलरी इतनी कम है तो कर्मचारी क्या करे? एक यूजर ने लिखा& उसे किसी अच्छे फाइनेंस एडवाइजर से मिलना चाहिए जो उसे समझाए कि वह क्या कर रहा है। दूसरे यूजर ने टिप्पणी की- लो सैलरी देकर फिर उसे ऑनलाइन शर्मिंदा करना ठीक नहीं है। एक तीसरे यूजर ने कहा कि उनके स्टाफ में भी ऐसा हुआ था, लेकिन बाद में पता चला कि उनका कर्मचारी YouTuber और कंटेंट क्रिएटर है और उसके लिए यह फोन इन्वेस्टमेंट था। एक और यूजर ने लिखा- हमारे ऑफिस में 18-20 हजार कमाने वाले लोग भी iPhone लॉन्च के दिन खरीद लेते हैं और EMI चुकाने के लिए फिर Rapido चलाते हैं।
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लोगों ने जब कर्मचारी की सैलरी को लेकर सवाल उठाए, तो कवलजीत सिंह ने बताया कि कंपनी उसके रहने और खाने का पूरा खर्च उठाती है, जिसकी कीमत हर महीने 15000-20000 रुपये तक पहुंचती है। यानी सैलरी के अलावा कंपनी काफी कुछ देती है। कुल मिलाकर इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है। कमाई के हिसाब से खर्च करना समझदारी है या अपना सपना पूरा करना भी जरूरी? लोग अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। लेकिन यह कहानी दिखाती है कि आज के समय में कई लोग अपनी सुविधाओं और लाइफस्टाइल के लिए किस तरह ईएमआई और फाइनेंस प्लान पर निर्भर हो गए हैं।
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