स्टूडेंट्स, महिलाओं और बुजुर्गों को भारत का संविधान कौन-कौन से अधिकार और सुरक्षा देता है?

Published : Nov 26, 2025, 11:00 AM IST
Indian Constitution Protection Rights

सार

Constitution Day 2025: भारत का संविधान बच्चों की पढ़ाई, महिलाओं की सुरक्षा, बुज़ुर्गों के सम्मान के अधिकारों को सुरक्षा देता है। जानिए कौन-कौन से कानून आपके हक की रक्षा करते हैं और रोजमर्रा की जिंदगी में ये कैसे मदद करते हैं।

Indian Constitution Protection Rights: हमारा संविधान सिर्फ कागज के पन्नों पर नहीं है, बल्कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में हर कदम पर हमारे हक की रक्षा करता है। चाहे आप विद्यार्थी हों, महिला हों, या बुजुर्ग हों, संविधान हर वर्ग के लिए सुरक्षा, सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करता है। जानिए जीवन भर कैसे हमारा संविधान बच्चों, महिलाओं और बुज़ुर्ग के अधिकारों की रक्षा करता है और कौन-कौन से हक देता है।

बच्चों को पढ़ाई और बराबरी का अधिकार कैसे मिलता है?

विद्यार्थियों के संवैधानिक अधिकार के अनुसार 6 से 14 साल के बच्चे मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा पाने के हकदार हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित नहीं रह सकता।

  • आरटीई (Right to Education) के तहत हर बच्चे को स्कूल में दाखिला लेने से रोका नहीं जा सकता।
  • अनुच्छेद 14 सभी छात्रों को बराबरी का अधिकार देता है। इसमें धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान या नस्ल के आधार पर भेदभाव करना मना है।
  • अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को अपने स्कूल चलाने का अधिकार देते हैं।
  • अनुच्छेद 45 राज्य की जिम्मेदारी बताता है कि 6 साल से छोटे बच्चों की शुरुआती शिक्षा और देखभाल सुनिश्चित की जाए।

इस तरह संविधान हर बच्चे को सीखने का हक और बराबरी का अवसर देता है।

महिलाओं की सुरक्षा और समानता के लिए कौन-कौन से कानून हैं?

महिलाओं को संविधान और कानून की मदद से गरिमा, सुरक्षा और समान अधिकार मिलते हैं। जिसमें-

  • अनुच्छेद 16 रोजगार में बराबरी का हक देता है।
  • अनुच्छेद 21 हर महिला को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार देता है।
  • नयी श्रम संहिता महिलाओं को समान वेतन और रात्रीकालीन शिफ्ट में काम करने की अनुमति देती है।
  • सुरक्षा के लिए कानून बने हैं जैसे- घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005, मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961, अनुच्छेद 39(डी) समान काम के लिए समान वेतन का अधिकार सुनिश्चित करता है।

यानी संविधान और कानून महिलाओं को सुरक्षा, रोजगार में समानता और जीवन की गरिमा देते हैं।

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वरिष्ठ नागरिकों को कौन-कौन सी सरकारी और संवैधानिक सुरक्षा मिलती है?

बुज़ुर्गों के लिए संविधान कई सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करता है। जिसमें-

  • अनुच्छेद 41 राज्य की जिम्मेदारी बताता है कि बुज़ुर्गों को काम, शिक्षा और अन्य सहायता उपलब्ध कराई जाए।
  • अनुच्छेद 21 उनके जीवन के व्यापक अधिकार सुरक्षित करता है।
  • माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम, 2007 बच्चों पर यह कानूनी जिम्मेदारी डालता है कि वे अपने माता-पिता की सही देखभाल करें।

इस तरह बुज़ुर्ग या भारत के वरिष्ठ नागरिक अपनी जिंदगी सम्मान और सुविधाओं के साथ जी सकते हैं।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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