Preamble Easy Explanation for Students: भारत के संविधान की प्रस्तावना का क्या मतलब है, यहां जरूर पढ़ें। जानिए क्यों संविधान की प्रस्तावना हर छात्र को समझना जरूरी है और यह क्या महत्व रखता है? यह एग्जाम की तैयारी और जनरल नॉलेज के लिए भी जरूरी है।

Preamble Explained for Students: भारत का संविधान बहुत बड़ा है, लेकिन उसकी आत्मा सिर्फ कुछ लाइनों में लिखी है। इन्हीं लाइनों को प्रीएंबल (Indian Constitution Preamble) कहा जाता है। जैसे किसी किताब की शुरुआत में बताया जाता है कि वह किताब किस बारे में है, उसी तरह भारत के संविधान की प्रीएंबल बताती है कि हमारा देश कैसा होगा, हमें कौन-से मूल्य अपनाने हैं और नागरिकों को क्या गारंटी मिलती है। किसी भी स्टूडेंट के लिए प्रीएंबल समझना जरूरी है क्योंकि यहीं से संविधान का असली अर्थ शुरू होता है। जानिए

भारत के संविधान की प्रस्तावना

'हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को- सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्प होकर, अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवंबर, 1949 ई (मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एततद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।'

संविधान की प्रस्तावना क्या कहती है? समझें

'हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए तथा अपने सभी नागरिकों को, न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता का आश्वासन देने के लिए यह संविधान अपनाते हैं।'

  • हम, भारत के लोग: इसका मतलब यह है कि देश की असली ताकत लोग हैं। सरकार जनता से बनी है। संविधान ऊपर से किसी ने नहीं थोप दिया, बल्कि जनता ने खुद मिलकर बनाया है।
  • संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न: मतलब, भारत किसी भी विदेशी देश के दबाव में नहीं है। भारत अपने फैसले खुद करता है।
  • समाजवादी (Socialist): मतलब, देश में अमीर और गरीब के बीच दूरी कम करने के प्रयास किए जाएंगे। हर नागरिक को समान अवसर मिले।
  • पंथ-निरपेक्ष (Secular): मतलब, सरकार किसी भी धर्म को अपना धर्म नहीं कहती। हर धर्म को बराबरी का सम्मान मिलता है।
  • लोकतांत्रिक (Democratic): मतलब, देश के नेता जनता चुनती है। यहां सरकार जनता के लिए, जनता की और जनता द्वारा चुनी जाती है।
  • गणराज्य (Republic): मतलब, हमारा देश किसी राजा के हाथ में नहीं है। राष्ट्रपति जनता के चुने प्रतिनिधियों द्वारा चुना जाता है, यानी कोई वंशानुगत राजशाही नहीं।
  • न्याय (Justice): देश में तीन तरह का न्याय दिया जाएगा। जिसमें- सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय, राजनीतिक न्याय शामिल है। हर नागरिक के साथ बराबरी और निष्पक्षता रखी जाएगी।
  • स्वतंत्रता (Liberty): हर नागरिक को बोलने, सोचने, विश्वास करने, पूजा करने की आजादी है।
  • समता (Equality): हर नागरिक बराबर है। जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं होगा।
  • बंधुता (Fraternity): मतलब, देश में हर नागरिक एक-दूसरे का सम्मान करे और मिलकर रहे। यह राष्ट्रीय एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ाता है।

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स्टूडेंट्स के लिए क्यों जरूरी है प्रीएंबल समझना?

यह बताती है कि भारत की नींव किन विचारों पर रखी गई है। यह UPSC, SSC, Railway, NDA, State Exams जैसे कई एग्जाम में पूछा जाता है। यह सिविक सेंस बढ़ाती है और यह आपके अधिकारों और कर्तव्यों की समझ को मजबूत करती है।

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