Constitution Day Speech: भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान की भावना को समझने और समझाने के लिए स्कूलों में इस दिन कई एक्टिविटीज होती हैं। यहां पढ़ें स्कूल स्टूडेंट्स व शिक्षकों के लिए संविधान दिवस पर 2 मिनट का आसान भाषण।

Constitution Day Speech in Hindi 2025: हर साल 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस बड़े हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा संविधान सिर्फ एक कागज का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की आजादी, समानता और न्याय की नींव है। 1949 में संविधान सभा द्वारा इसे अंगीकृत किया गया और 26 जनवरी 1950 से इसे लागू किया गया। संविधान ने हमें हमारे मूल अधिकार और कर्तव्य सिखाए हैं और भारत को एक सशक्त लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाया। स्कूलों में आज के दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां बच्चे और टीचर्स मिलकर संविधान के महत्व को समझते हैं और इसके आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा लेते हैं। यदि आप स्कूल स्टूडेंट्स या टीचर्स हैं और संविधान दिवस पर भाषण देने की तैयारी कर रहे हैं, तो यहां है 2 मिनट का दमदार भाषण।

स्कूल स्टूडेंट्स-टीचर्स के लिए संविधान दिवस पर 2 मिनट का आसान भाषण

नमस्कार सभी को,

आज हम यहां संविधान दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा संविधान हमारे देश की जान और शान है। यह हमें हमारी स्वतंत्रता, समानता और न्याय की गारंटी देता है। 1949 में डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के अन्य सदस्यों ने मिलकर इस संविधान को तैयार किया। उनका उद्देश्य था कि हर भारतीय को सम्मान, सुरक्षा और अवसर मिले। हमें संविधान का पालन करना चाहिए और इसके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। जब हम अपने अधिकारों का सही उपयोग करते हैं और अपने कर्तव्यों को निभाते हैं, तब हम अपने देश को और मजबूत बनाते हैं। आइए, हम सभी मिलकर अपने देश को न्यायपूर्ण, सशक्त और प्रगतिशील बनाने का प्रण लें।

धन्यवाद।

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संविधान दिवस 26 नवंबर को क्यों मनाया जाता है?

26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को आधिकारिक रूप से अंगीकार (Adopt) किया गया था। इसलिए हर साल यही दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि इसी दिन भारत ने अपने भविष्य की नींव तय की थी।

भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखा हुआ संविधान

भारत का संविधान अन्य देशों की तुलना में सबसे बड़ा और विस्तृत है। इसमें अधिकार, कर्तव्य, शासन व्यवस्था और नागरिकों के संरक्षण से जुड़े हर पहलू को विस्तार से समझाया गया है। यही वजह है कि इसे दुनिया का सबसे डिटेल्ड संविधान माना जाता है।

डॉ भीमराव अंबेडकर ‘संविधान के शिल्पकार’ 

डॉ बीआर अंबेडकर संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे। उन्होंने संविधान को वैज्ञानिक सोच, समानता और सामाजिक न्याय की भावना से तैयार किया। उनके नेतृत्व के बिना हमारा संविधान इतना मजबूत और न्यायपूर्ण नहीं हो सकता था।

संविधान बनाने में लगभग 3 साल लगे

भारतीय संविधान बनाने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। इस दौरान संविधान सभा ने 165 दिनों तक चर्चा की, बहस की और हर लाइन को बेहद गंभीरता से लिखा। इससे पता चलता है कि यह सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि देश की गहरी समझ और मेहनत का परिणाम है।

भारतीय संविधान न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित

ये चार मुख्य मूल्य संविधान की प्रस्तावना (Preamble) में लिखे हैं। यही मूल्य हमें एक मजबूत और एकजुट देश बनाते हैं। संविधान हमें न सिर्फ अधिकार देता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि हम सब मिलकर समाज और देश के लिए कैसे योगदान दें।

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