QS World University Rankings Sustainability 2025: IIT दिल्ली ने QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स: सस्टेनेबिलिटी 2025 में 171वां स्थान हासिल किया, जो पिछले साल से 255 स्थानों की छलांग है। 78 भारतीय विश्वविद्यालयों ने रैंकिंग में जगह बनाई है।
QS World University Rankings Sustainability 2025: भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों ने 2025 QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स: सस्टेनेबिलिटी में शानदार प्रदर्शन किया है, जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने सबसे बेहतर स्थान हासिल किया है। IIT दिल्ली ने 80.6 अंक प्राप्त किए हैं और वैश्विक रैंकिंग में 171वें स्थान पर पहुंच गया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 255 स्थानों की छलांग है। IIT खड़गपुर (IIT-KGP) ने 78.6 अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है और इसका वैश्विक रैंक 202 है। तीसरे स्थान पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (IITB) है, जिसने 76.1 अंक हासिल किए और इसका वैश्विक रैंक 234 है। इसके अलावा, IIT कानपुर और IIT मद्रास को भी क्रमशः चौथे और पांचवे स्थान पर जगह मिली है। दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) ने क्रमशः छठे और सातवे स्थान पर अपनी जगह बनाई है।
इस बार 78 भारतीय विश्वविद्यालयों ने 2025 QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में जगह बनाई है, जिसमें से 9 शीर्ष संस्थानों की रैंकिंग में सुधार हुआ है और 21 नए संस्थानों ने पहली बार प्रवेश किया है। इसके अलावा, वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) आठवें स्थान पर, मणिपाल अकादमी ऑफ हायर एजुकेशन नौवें स्थान पर और अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई दसवें स्थान पर है।
2025 की QS सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो ने टॉप स्थान पर कब्जा किया है। यह रैंकिंग एक विशेष पद्धति के आधार पर तैयार की गई है, जो दुनिया के सबसे बड़े पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ESG) चुनौतियों से निपटने में विश्वविद्यालयों की क्षमता को मापती है।
लंदन स्थित क्वाक्वेरेली सायमंड्स (QS) के उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने कहा कि इस साल भारत के 78 विश्वविद्यालयों में से 34 ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और 8 ने अपनी स्थिति बनाए रखी है, यह भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों को स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा का प्रभाव और समानता के दृष्टिकोण से अपनी स्कोर को बेहतर करने की आवश्यकता है, क्योंकि इनमें कोई भी भारतीय विश्वविद्यालय टॉप 350 में शामिल नहीं है।
QS के अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, आज के छात्रों के लिए सस्टेनेबिलिटी एक अहम प्राथमिकता बन गई है। 90% छात्र इसे महत्वपूर्ण मानते हैं और 40% छात्र विश्वविद्यालयों के सस्टेनेबिलिटी रणनीतियों को आवेदन प्रक्रिया के दौरान सर्च करते हैं।
QS की यह रैंकिंग तीन प्रमुख श्रेणियों – पर्यावरणीय प्रभाव, सामाजिक प्रभाव और शासन के आधार पर तैयार की गई है। इस बार, 1,740 विश्वविद्यालयों ने इस रैंकिंग में जगह बनाई है, जो 107 देशों और क्षेत्रों से हैं। यह पिछले साल की तुलना में काफी बड़ा सुधार है, जिसमें 1,397 संस्थान शामिल थे। इस साल की रैंकिंग ने यह दिखा दिया है कि उच्च शिक्षा संस्थान अब सस्टेनेबिलिटी की दिशा में ज्यादा गंभीरता से काम कर रहे हैं, लेकिन फिर भी इस क्षेत्र में और अधिक सुधार की जरूरत है।
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