कौन हैं बालकनाथ? राजस्थान CM पद के प्रबल दावेदार, जानिए राजस्थान के योगी को

महंत बालकनाथ योगी राजस्थान के तिजारा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे और जीत हसिल की। अलवर के आसपास के क्षेत्रों में उनकी अच्‍छी खासी पकड़ मानी जाती है। जानिए महंत बालकनाथ कौन हैं। क्या बालकनाथ राजस्थान के सीएम बन सकते हैं।

बालकनाथ अलवर से लोकसभा सांसद हैं और सिर्फ 40 साल के हैं। बालकनाथ ने कहा है कि बीजेपी अपने दम पर राजस्थान में 120 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी। आज सुबह वोटों की गिनती शुरू होने से ठीक पहले बालकनाथ ने भगवान शिव के दर्शन किए मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। परिणाम बालकनाथ के पक्ष में आया और उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की। जानिए बालकनाथ कौन हैं?

सीएम पद की रेस में बालकनाथ

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राजस्‍थान में बीजेपी पूरे बहुमत से सरकार बनाती नजर रही है। ऐसे में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, दीया कुमारी के नाम के साथ ही राजस्थान सीएम पद की रेस में एक और नाम चर्चा में है वह हैं महंत बालकनाथ का। यहां तक की बालकनाथ की तुलना यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ से की जा रही है और इस कारण लोग इन्‍हें राजस्‍थान का योगी भी बता रहे हैं।

कौन हैं बाबा बालकनाथ योगी

महंत बालकनाथ योगी वर्तमान में राजस्थान के अलवर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। अपने राजनीतिक प्रयासों के अलावा, वह बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय (बीएमयू) में चांसलर के पद पर हैं। हिंदू धर्म में नाथ संप्रदाय के 8वें महंत के रूप में महंत बालकनाथ योगी आध्यात्मिक समुदाय का मार्गदर्शन और नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस बार वे तिजारा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे हैं। अलवर के आसपास के क्षेत्रों में उनकी अच्‍छी खासी पकड़ मानी जाती है।

नाथ संप्रदाय से आते हैं बालकनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह बालकनाथ भी नाथ समुदाय से आते हैं और अलवर में उनका जबरदस्त समर्थन और अनुयायी हैं। उन्होंने मात्र 6 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। उनके परिवार के सदस्यों ने यह निर्णय लिया था कि वह एक संत बनेंगे। बालकनाथ का तर्क है कि वह हमेशा समाज की सेवा करना चाहते थे। माध्यम कोई भी हो समाज की सेवा की जानी चाहिए।

प्रारंभिक जीवन

बालकनाथ का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गांव में हुआ। एक हिंदू यादव परिवार में सुभाष यादव और उर्मिला देवी के घर जन्मे महंत बालकनाथ योगी को अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान बाबा खेतानाथ से गुरुमुख नाम मिला। महंत बालकनाथ योगी का पूरा परिवार लंबे समय से जनकल्याण व साधुओं की सेवा में जुटा रहा है।

ऐसे नाम पड़ा बालकनाथ

उन्हें सिर्फ 6 साल की उम्र में अध्यात्म का अध्ययन करने के लिए महंत खेतानाथ के पास भेज दिया था। गुरु से शिक्षा दीक्षा लेने के बाद उन्हें महंत चांद नाथ के पास भेजा गया। यहां पर उनकी बालक प्रवृत्तियों को देखकर महंत चांद नाथ ने उन्‍हें बालकनाथ कहना शुरू कर दिया। यहीं से उनका नाम बालकनाथ पड़ा। 29 जुलाई 2016 को महंत चांद नाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुना। इस तरह वो मठ के आठवें महंत बने। महंत बालकनाथ के उत्तराधिकार की आधिकारिक घोषणा महंत चांदनाथ ने 29 जुलाई 2016 को एक समारोह में की, जिसमें योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव जैसी उल्लेखनीय हस्तियों ने भाग लिया था।

राजनीतिक करियर

महंत बालकनाथ योगी ने राजस्थान के अलवर से लोकसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया। 2019 के चुनावों में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख वोटों के बड़े अंतर से हराकर विजयी हुए। उनकी राजनीतिक यात्रा सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ गहरे संबंध को दर्शाती है।

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