आप जानते हैं"चढ़े तो चांदनी, उतरे तो धूल" का मतलब? 7 मुहावरों का मायाजाल और अर्थ

Published : Dec 04, 2024, 10:00 AM IST
muhavare in hindi

सार

Muhavare: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी मुहावरों और उनके अर्थ जानें। कठिन मुहावरों को समझकर अपनी भाषा पर पकड़ मजबूत करें और परीक्षा में सफलता पाएं।

Muhavare: मुहावरे किसी भी भाषा का अनमोल खजाना होते हैं, जो शब्दों के माध्यम से गहरी बातें और जीवन के अनुभवों को सरलता से व्यक्त करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में क्षेत्रीय मुहावरों का सही अर्थ समझना और उन्हें व्यावहारिक संदर्भ में उपयोग करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। ये न केवल आपकी भाषा पर पकड़ को दर्शाते हैं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समझ को भी उजागर करते हैं। जानिए कुछ कठिन और उनके गहरे अर्थ, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में आपकी सफलता के लिए मददगार हो सकते हैं।

मुहावरा- "आग लगाना"

मुहावरे का अर्थ: किसी स्थिति को और अधिक गंभीर या बिगड़ने की स्थिति में पहुंचाना। जब किसी विवाद या समस्या को सुलझाने की बजाय उसमें और उकसावे की बात कही जाए या ऐसा कार्य किया जाए जिससे मामला और भड़क जाए।

मुहावरा- "कौवा चला हंस की चाल, अपनी चाल भी भूल गया"

मुहावरे का अर्थ: किसी और की नकल करने में अपनी पहचान खो देना। यह उन लोगों पर व्यंग्य है, जो किसी और के जैसा बनने की कोशिश में अपनी खूबियां खो बैठते हैं।

मुहावरा- "चढ़े तो चांदनी, उतरे तो धूल"

मुहावरे का अर्थ: जब तक स्थिति अनुकूल हो, तब तक इज्जत, विपरीत परिस्थिति में कोई सम्मान नहीं। यह मुहावरा अस्थिर परिस्थितियों और समाज की दोहरी मानसिकता को उजागर करता है।

मुहावरा- "चोचले बड़े मगर दाने अठन्नी के"

मुहावरे का अर्थ: दिखावा बड़ा करना, लेकिन असल में साधन सीमित होना। यह मुहावरा दिखावे और वास्तविकता के बीच के अंतर को उजागर करता है।

मुहावरा- "नीम हकीम खतरे जान"

मुहावरे का अर्थ: अज्ञानता के साथ किया गया कार्य अधिक हानिकारक होता है। यह चेतावनी देता है कि अज्ञानी व्यक्ति से मदद लेना खतरनाक हो सकता है।

मुहावरा- "हर्रा लगे न फिटकरी, रंग चोखा आए"

मुहावरे का अर्थ: बिना विशेष प्रयास के उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करना। यह मेहनत से अधिक किस्मत पर निर्भरता का प्रतीक है।

मुहावरा- "पानी पिएं छान के, बात करें जान के"

मुहावरे का अर्थ: हर कदम पर सतर्क रहना और सोच-समझकर बोलना। यह सतर्कता और समझदारी के महत्व को रेखांकित करता है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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