क्या आप जानते हैं "बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय" का मतलब?

रीजनल मुहावरे किसी भी भाषा को रंगीन और जीवंत बनाते हैं। ये मुहावरे हमें हास्य और सरलता से जीवन की गहराइयों को समझने में मदद करते हैं। जानिए कुछ अनोखे रीजनल मुहावरों और उनके अर्थों के बारे में।

Muhavare: मुहावरे किसी भी भाषा की विशेष पहचान होते हैं, जो उस भाषा के बोलचाल और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को दर्शाते हैं। भारतीय भाषाओं में रीजनल मुहावरे अपने अनोखे अर्थ और प्रयोग के लिए जाने जाते हैं। ये मुहावरे हमें न केवल हास्य और रंगीनता प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन की जटिलताओं को सरल और रोचक तरीके से समझने में भी मदद करते हैं। जानिए कुछ कम सुने गए रीजनल मुहावरे और उनके अर्थ, ताकि आप इन्हें अपनी बातचीत में शामिल कर सकें और अपनी भाषा को और भी समृद्ध बना सकें।

मुहावरा- "चोर की दाढ़ी में तिनका"

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मुहावरे का अर्थ: गलती या अपराध छिपाने में असफल होना। यह मुहावरा तब कहा जाता है जब कोई व्यक्ति अपने गुनाह या गलती को छुपाने की कोशिश करता है, लेकिन उसे पकड़ लिया जाता है। जैसे कि चोर द्वारा छिपाने की कोशिश करना, लेकिन कोई संकेत उस पर शक कराता है।

मुहावरा- "खुदा मेहरबान, तो गधा भी पहलवान"

मुहावरे का अर्थ: जब किस्मत का साथ हो, तो कोई भी कठिनाई नहीं रहती। यह मुहावरा इस बात का प्रतीक है कि यदि किस्मत साथ दे रही है, तो साधारण व्यक्ति भी महान कार्य कर सकता है। इसका अर्थ है कि अवसर का मिलना महत्वपूर्ण है।

मुहावरा- "जल में रहकर मगर से बैर"

मुहावरे का अर्थ: किसी ऐसे व्यक्ति के साथ दुश्मनी रखना, जो आपके चारों ओर हो। इस मुहावरे का अर्थ है कि जब आप किसी ऐसे व्यक्ति से दुश्मनी रखते हैं जो आपके आस-पास है, तो यह स्थिति बहुत कठिन होती है। इसे सामान्यतः ऐसे व्यक्तियों के लिए उपयोग किया जाता है जो एक-दूसरे के बीच रहते हुए भी एक-दूसरे के खिलाफ होते हैं।

मुहावरा- "नाक कटना"

मुहावरे का अर्थ: अपमानित होना या शर्मिंदा होना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। इसे तब कहा जाता है जब किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है।

मुहावरा- "हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और"

मुहावरे का अर्थ: किसी चीज की बाहरी छवि और उसके वास्तविक गुण अलग-अलग हो सकते हैं। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी चीज का प्रदर्शन अच्छा होता है, लेकिन उसकी वास्तविकता कुछ और होती है। यह संकेत करता है कि किसी चीज़ का बाहरी रूप और वास्तविकता में भिन्नता हो सकती है।

मुहावरा- "बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय"

मुहावरे का अर्थ: जो काम किया जाता है, उसका फल उसी प्रकार से मिलता है। इस मुहावरे का मतलब है कि यदि आपने गलत काम किया है, तो उसके परिणाम भी नकारात्मक ही होंगे। यह जीवन की वास्तविकताओं को दर्शाता है।

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