NEET Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले नीट यूजी को लेकर सामने आये 2 बड़े अपडेट

NEET Supreme Court Hearing: नीट यूजी परीक्षा 2024 अनियमितता मामले पर आज, 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला आने वाला है। सुनवाई शुरू हो गई है लेकिन मामले में कोर्ट के फैसले से पहले दो बड़े अपडेट सामने आये हैं।

NEET Supreme Court Hearing: नीट यूजी रद्द करने की मांग समेत कई याचिकाओं पर आज, 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। आज कोर्ट का फाइनल फैसला आने की उम्मीद है कि नीट यूजी परीक्षा कैंसिल कर दोबारा परीक्षा आयोजित की जायेगी या फिर नीट काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। कोर्ट के फैसले पर नीट यूजी परीक्षा 2024 में शामिल करीब 24 लाख कैंडिडेट का भविष्य टिका है। सुप्रीम कोर्ट में नीट मामले की सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस JB Pardiwala और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है। वहीं कोर्ट के फैसले से पहले नीट यूजी को लेकर दो बड़े अपडेट सामने आये हैं। एक जिसमें केंद्र ने बड़े लेवल पर नीट क्वेश्चन पेपर लीक से इंकार किया है और दूसरा जिसमें एनटीए ने कहा है कि सोशल मीडिया एप टेलिग्राम पर वायरल नीट क्वेश्चन पेपर का वायरल वीडियो फर्जी है। इस मामले में एनटीए की ओर से कोर्ट में सबूत भी पेश किये गये हैं।

चीफ जस्टिस सीजेआई ने कहा था नीट परीक्षा दोबारा कराने का आदेश अंतिम विकल्प होगा

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इससे पहले 8 जुलाई को हुई सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में CJI कहा था कि यह प्रतिकूल मुकदमा नहीं है, क्योंकि कोर्ट भी निर्णय लेकिन उसका असर छात्रों की जिंदगी पर पड़ेगा। उन्होंने 11 जुलाई की सुनवाई से पहले याचिकाकर्ताओं के वकीलों से जवाब मांगा था कि परीक्षा क्यों रद्द होनी चाहिए। वहीं केंद्र से तारीखों की पूरी लिस्ट मांगी थी। चीफ जस्टिस सीजेआई ने यह भी बताया था कि यदि मामले में परीक्षा की पवित्रता खत्म होने के सबूत मिलते हैं तब, दोषी और निर्दोष छात्रों को अलग करना संभव नहीं है तब नीट परीक्षा दोबारा कराने का आदेश देना होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि पेपर लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है। ऐसे में भी नीट परीक्षा दोबारा कराने का आदेश देना होगा। लेकिन नीट परीक्षा दोबारा कराने का आदेश अंतिम विकल्प होगा।

केंद्र और एनटीए ने कोर्ट को दिये सबूत

वहीं 10 जुलाई को केंद्र और एनटीए की ओर से कोर्ट में दायर हलफनामे में कई बाते समाने आई हैं। केंद्र ने कहा कि नीट रिजल्ट की समीक्षा IIT मद्रास की टीम ने की और मार्क्स का अनुचित वितरण नहीं पाया गया। साथ ही पेपर लीक की घटना बहुत छोटे लेवल पर हुई। इससे पूरी परीक्षा की अखंडता भंग नहीं हुई है। एनटीए ने कहा कि क्वेश्चन पेपर लीक का वायरल वीडियो फर्जी था। वीडियो को एडिट किया गया और उसके टाइम से छेड़छाड़ की गई है।

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