NMC New Proposal: नीट यूजी का रिजल्ट निकलने से पहले नेशनल मेडिकल कमीशन ने कॉमन काउंसलिंग के जरिए सभी मेडिकल कॉलजों में एडमीशन को लेकर एक प्रस्ताव रखा है।
एजुकेशन डेस्क। नेशनल मेडिकल कमीशन ने नये नियम के तहत नीट यूजी की मेरिट के बेस पर ही सभी मेडिकल कॉलेजों, इंस्टीट्यूट्स में कॉमन काउंसलिंग के जरिए एडमीशन का प्रस्ताव रखा है। एनएमसी का कहना है ऐसा करने से समय की बचत के साथ कैंडिडेट्स को भी बेवजह के प्रेशर और लंबे एडमिश प्रोसेस से निजात मिलेगी। हर साल मेडिकल कॉलेजों में करीब 1 लाख से अधिक स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं।
NMC New Proposal: डेजिगनेटेड अथॉरिटी नियुक्त होनी चाहिए
एनएमसी की ओर से 2 जून को जारी गजट में यह प्रस्ताव रखा गया है मेडिकल कॉलेजों में यूजी के दाखिले के लिए नीट यूजी के मेरिट लिस्ट के बेस पर एक कॉमन काउंसलिंग होने चाहिए। सरकार को कॉमन काउंसलिंग के संंबंध में एक डेजिगनेटेड अथॉरिटी नियुक्त कर सभी यूजी सीट्स में एडमिशन के तरीके पर चर्चा करनी चाहिए।
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nmc proposal for common counselling: नीट यूजी कैंडिडेट्स की लिस्ट एनएमसी की ओर से दी गई सीट मैट्रिक्स के आधार पर काउंसलिंग प्रोसेस आगे बढ़ाएगी। इसमें कई राउंड भी हो सकते हैं। अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) जनरल एडवाइस के इम्प्लीमेंटेशन के लिए इंस्ट्रक्शंस देगा। सेक्शन 17 के तहत डेजिगनेटेड अफसर इंस्ट्रक्शन के बेस पर काउंसलिंग प्रोसेस पूरा करेंगे। नियमों में यह भी कोई भी संस्थान इन रूल्स को तोड़कर एडमीशन करता है तो कार्रवाई की जाएगी।
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पेरेंट्स और काउंसलर एनएमसी के सपोर्ट में
neet ug admission through common counselling: पैरेंट्स और काउंसलर का कहना है कि इस सिस्टम से एलिजिबिल कैंडिडेट्स के एडमीशन के साथ ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ेगी। साथ ही मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन कराने का झांसा देने वाले दलालों पर भी शिकंजा कसेगा।
नेशनल मेडिकल कमीशन का कहना है कि कॉमन काउंसलिंग सिस्टम न होने से कैंडिडेट्स को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई मेडिकल कॉलेजों में सीट्स को लेकर काफी मारामारी रहती है। अलग-अलग काउंसलिंग डेट के कारण लास्ट में कैंडिडेट्स को मनचाहा कॉलेज भी नहीं मिल पाता जबकि कई कॉलेजों में लास्ट में सीट वैकेंट ही रह जाती हैं।