
Poorva Choudhary UPSC OBC NCL Quota Misuse: भारत में UPSC की परीक्षा पास करना हर साल लाखों युवाओं का सपना होता है, लेकिन इसमें कामयाबी पाना बेहद मुश्किल। करीब 0.2% स्टूडेंट्स ही इस कठिन मुकाबले को पार कर पाते हैं। इस बार 1,009 उम्मीदवारों ने UPSC परीक्षा पास की, जिनमें राजस्थान की पर्वा चौधरी ने भी 533वीं रैंक हासिल कर सबका ध्यान खींचा। लेकिन उनकी ये कामयाबी कुछ ही दिनों में विवादों में बदल गई। जानिए Poorva Choudhary UPSC क्रैक करने के बाद विवादों में क्यों?
Poorva ने जैसे ही सोशल मीडिया पर अपनी सफलता की खबर शेयर की, लोगों ने जमकर बधाई दी। लेकिन कुछ ही दिनों में उनके पोस्ट और तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। यूजर्स ने आरोप लगाया कि Poorva ने OBC-NCL (Other Backward Class–Non Creamy Layer) का गलत इस्तेमाल कर UPSC में जगह बनाई, जबकि उनके पास महंगी चीजें और एक लग्जरी लाइफस्टाइल है।
कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने Poorva की तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें वो महंगे बैग्स और विदेश टूर पर दिख रही थीं। एक पोस्ट में लिखा गया "₹4 लाख का बैग और लग्जरी लाइफस्टाइल वाली लड़की ने OBC सर्टिफिकेट का फायदा उठाया। ये UPSC में नया स्कैम है।" उनके पिता, Omprakash Saharan, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में ADM (Additional District Magistrate) पद पर हैं। इसी वजह से ट्रोलर्स ने सवाल उठाया कि अगर पिता सरकारी अफसर हैं, तो बेटी को OBC-NCL का फायदा कैसे मिल गया?
Poorva की बहन ने जैसे ही उन्हें बधाई देने वाला एक पोस्ट डाला, वो तुरंत वायरल हो गया और लाखों लोगों ने देखा। लेकिन उसी पोस्ट से Poorva की पुरानी तस्वीरें सामने आईं और आलोचना तेज हो गई। बढ़ते विवाद को देखते हुए Poorva ने अपना Instagram अकाउंट डिलीट या डिसेबल कर दिया।
Poorva के पिता ADM Omprakash Saharan ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा- "लोगों को OBC नियमों की जानकारी नहीं है। मैं 44 साल की उम्र में RAS अफसर बना था, जबकि नियम के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति 40 साल की उम्र से पहले Class I पोस्ट पर हो, तभी उसके बच्चे OBC-NCL के लिए अयोग्य माने जाते हैं। मेरे केस में ये लागू नहीं होता।" उन्होंने आगे कहा कि OBC-NCL का फायदा किसे मिलेगा और किसे नहीं, इसके नियम स्पष्ट हैं और Poorva ने कोई नियम नहीं तोड़ा है।
सरकारी नियमों के मुताबिक, अगर माता-पिता Class I अधिकारी हैं और वो पद 40 साल की उम्र से पहले मिला है, तो बच्चों को OBC-NCL का लाभ नहीं मिलता। लेकिन Poorva के पिता को ये पद 44 की उम्र में मिला, इसलिए Poorva को इस आरक्षण का लाभ मिलना पूरी तरह से वैध है। Poorva Choudhary UPSC रिजर्वेशन विवाद एक बार फिर इस बात को दिखाता है कि सोशल मीडिया पर किसी की सफलता को संदेह की नजरों से देखना कितना आम हो गया है। लेकिन नियमों की जानकारी और फैक्ट्स तय करने में मदद करते हैं कि सही क्या है।