₹70,000 की नौकरी छोड़, शुरू किया 'कृषि अस्पताल', अब छप्परफाड़ कमाई!

Success Story: एक युवा ने ₹70,000 की नौकरी छोड़कर किसानों के लिए 'कृषि अस्पताल' खोला। अब हर महीने हो रही है अच्छी कमाई। जानिए पूरी डिटेल

Success Story: किसानों की मदद के लिए एक युवा ने ऐसा कदम उठाया है, जिसने खेती की परिभाषा ही बदल दी। गुजरात के अमरेली जिले के मौलिका विनुभाई कोटडिया ने ₹70,000 की मोटी सैलरी वाली नौकरी छोड़कर किसानों के लिए एक अनोखा 'कृषि अस्पताल' शुरू किया। इस अस्पताल का उद्देश्य है मिट्टी की सेहत सुधारना, खेती की लागत घटाना और किसानों को खेती के नए तरीके सिखाना।

कैसे आया यह अनोखा आइडिया?

मौलिका कोटडिया, अमरेली के धारी तालुका के कोबरा गांव के रहने वाले हैं। उनकी 10 एकड़ जमीन पर पारंपरिक खेती होती थी। एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद उन्होंने एक कंपनी में ₹70,000 महीने की नौकरी शुरू की। लेकिन उनका मन नौकरी में नहीं लगा। वह किसानों की मदद करना चाहते थे। नौकरी में यह संभव नहीं था। यहीं से उनके मन में 'कृषि अस्पताल' का विचार आया। उन्होंने नौकरी छोड़ी और 10 लाख रुपये की लागत से इस अनोखे अस्पताल की शुरुआत की।

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क्या है 'कृषि अस्पताल'?

यह अस्पताल खेतों की समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान करता है। जैसे इंसान बीमार होने पर डॉक्टर के पास जाता है, वैसे ही यह अस्पताल खेतों की बीमारियों की जांच और इलाज करता है। यहां मिट्टी की जांच, पानी की गुणवत्ता की जांच, जैविक खाद की सलाह और कीटनाशकों के सही उपयोग की जानकारी दी जाती है।

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खेतों की बीमारियों का वैज्ञानिक इलाज

मौलिका के मुताबिक, जब किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच कराते हैं, तो उन्हें पता चलता है कि उनकी जमीन को क्या चाहिए। यहां माइक्रोस्कोपिक जांच करके बताया जाता है कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व की कमी है और किस खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे खेती में उर्वरक और कीटनाशकों का खर्च कम होता है और फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है।

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10 लाख की लागत, हर महीने इतनी कमाई

इस कृषि अस्पताल को शुरू करने में मौलिका ने 10 लाख रुपये खर्च किए। फिलहाल, इससे हर महीने ₹25,000 की कमाई हो रही है। मौलिका के अनुसार जैसे-जैसे किसान इस अस्पताल के बारे में जानेंगे, आय और बढ़ेगी।

किसानों को कैसे मिल रही है मदद?

मिट्टी की जांच: खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का पता लगाना।

पानी की जांच: सिंचाई के लिए पानी की गुणवत्ता जांचना।

जैविक खाद का सुझाव: रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग करना।

कीटनाशक का सही उपयोग: फसलों को कीड़ों से बचाने के लिए सही दवाओं की सलाह।

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