कौन हैं IAS नेहा ब्याडवाल? बिना फोन 3 साल की UPSC की तैयारी, बनी सबसे कम उम्र की IAS अफसर

Published : Jul 01, 2025, 10:21 AM ISTUpdated : Jul 01, 2025, 12:21 PM IST
Who is IAS Officer Neha Byadwal her 3 years no phone upsc strategy

सार

IAS Neha Byadwal UPSC: IAS नेहा ब्याडवाल अपनी यूपीएससी प्रिपरेशन स्ट्रेटजी को लेकर सुर्खियों में हैं। उनकी 3 साल बिना फोन UPSC की तैयारी करने के दावे पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है। कई यूजर ने सवाल खड़े किए हैं। जानिए नेहा ब्याडवाल के बारे में।

Who is IAS Neha Byadwal: यूपीएससी जैसी देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास करना हर साल लाखों युवाओं का सपना होता है। इसमें सफल होने वाले कैंडिडेट्स की मेहनत, लगन और संघर्ष की कहानियां लोगों को मोटिवेट करती हैं। ऐसी ही एक कहानी है नेहा ब्याडवाल की, जिन्हें UPSC 2022 बैच की सबसे कम उम्र की सफल कैंडिडेट कहा गया। लेकिन अब उनके एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। दरअसल, नेहा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के दौरान पूरे तीन साल तक अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं किया और किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव नहीं रहीं। उन्होंने खुद को पूरी तरह पढ़ाई में झोंक दिया और 'डिजिटल डिटॉक्स' को अपने लक्ष्य तक पहुंचने का जरिया बनाया।

UPSC की तैयारी में 3 साल तक मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करने की बात पर X यूजर ने खड़े किए सवाल

नेहा ब्याडवाल की यूपीएससी की तैयारी के दौरान 3 साल तक फोन इस्तेमाल न करने की बात पर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पहले ट्विटर) पर एक यूजर @sharklaka ने सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने लिखा- आज की दुनिया में जहां हर सरकारी काम के लिए मोबाइल जरूरी होता है, वहां तीन साल तक बिना फोन के रहना कोई आम बात नहीं, बल्कि एक बड़ा प्रिविलेज है। उन्होंने UPSC की तैयारी के नाम पर बन चुकी 'कल्ट' मानसिकता को भी निशाना बनाया और लिखा कि ऐसे लोग जो 24x7 सिर्फ रटते हैं और रियल इंडिया को नहीं समझते, वही बाद में हमें गवर्न करते हैं।

नेहा ब्याडवाल की यूपीएससी की तैयारी के तरीके को लेकर सोशल मीडिया पर बटी लोगों की राय

इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की राय बंट गई। कुछ लोगों ने इस विचार का समर्थन करते हुए UPSC सिस्टम पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, UPSC तो ब्रिटिश इंडिया की तरह एक एलिट क्लास बनाने के लिए ही बना है, जो आम लोगों पर राज करे। वहीं कई लोगों ने नेहा का समर्थन किया और कहा कि इतनी मेहनत और समर्पण हर किसी के बस की बात नहीं होती। एक यूजर ने लिखा, बात करने से पहले एक बार खुद UPSC निकालकर दिखाइए, फिर बात कीजिए। वहीं दूसरे ने कहा, आपने शायद उनकी बात को ज्यादा सीरियस ले लिया, वो बस यह बताना चाह रही थीं कि उन्होंने कितना फोकस किया।

कौन हैं IAS नेहा ब्याडवाल?

नेहा ब्याडवाल का जन्म जयपुर में हुआ, लेकिन उनकी परवरिश मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई। उनके पिता श्रवण कुमार इनकम टैक्स विभाग में सीनियर ऑफिसर हैं। नेहा ने डीपीएस कोरबा और डीपीएस बिलासपुर से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद रायपुर के डीबी गर्ल्स कॉलेज से इतिहास, अर्थशास्त्र और भूगोल में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। यहां वो टॉपर रहीं। पहले उनका सपना लॉयर बनने का था, लेकिन एक दिन उनके पिता ने उन्हें समझाया और एक तस्वीर दिखाकर कहा, ये जो कचरे का ढेर दिख रहा है, यही तुम्हारी मंजिल है। इसे बदलने के दो रास्ते हैं, एक जो मुझे पता है, और एक जो तुम खुद बना सकती हो। अगर लंबा रास्ता चुनोगी, तो मैं ज्यादा मदद नहीं कर पाऊंगा। इस बातचीत ने नेहा की सोच बदल दी।

दिल्ली में शुरू की UPSC की तैयारी, कई बार हुई फेल लेकिन हार नहीं मानी

नेहा ब्याडवाल ने दिल्ली में UPSC की तैयारी शुरू की, लेकिन जल्द ही वापस घर आकर सेल्फ-स्टडी पर फोकस किया। शुरुआत आसान नहीं थी। पहले प्रयास में उन्हें खुद पर भरोसा नहीं था। दूसरे अटेम्प्ट में वह सिर्फ दो नंबर से प्रीलिम्स में चूक गईं। तीसरे प्रयास में मेंस में आठ नंबर से पीछे रह गईं। हर बार उनकी उम्मीदें टूटती रहीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आखिरकार चौथे प्रयास में साल 2021 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करके ऑल इंडिया 569 रैंक हासिल की और मात्र 24 साल की उम्र में अपने बैच की सबसे कम उम्र की IAS ऑफिसर बनीं। नेहा कहती हैं, मेरी सफलता का सबसे बड़ा क्रेडिट मेरे परिवार को जाता है। उन्होंने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया। उनका मानना है कि जब तक आप खुद की बेस्ट वर्जन नहीं बन जाते, तब तक कोशिश करते रहो।

नेहा की कहानी आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा भी है और सोशल मीडिया पर चल रही बहस एक बड़ा सवाल भी उठाती है, क्या एकाग्रता और समर्पण अब 'प्रिविलेज' बन गया है? क्या सफलता की कहानियों को सम्मान देने की बजाय हमें उनमें कमी ढूंढ़ने की आदत हो गई है? इस पूरे विवाद में एक बात तो तय है UPSC की तैयारी सिर्फ एक एग्जाम नहीं, बल्कि एक मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक जर्नी है, जिसे हर कोई अपनी-अपनी तरह से तय करता है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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