Year Ender 2024: सामने आया ट्रेनी IAS का फर्जी सर्टिफिकेट मामला, छिन गई कुर्सी

Published : Dec 06, 2024, 11:44 AM ISTUpdated : Dec 06, 2024, 03:53 PM IST
puja khedkar

सार

Year Ender 2024: ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर का फर्जी सर्टिफिकेट मामला 2024 में चर्चा का विषय रहा। UPSC ने जांच के बाद उनकी कुर्सी छीन ली और उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया।

Year Ender 2024: इस साल पूजा खेडकर के IAS में चयन से जुड़ा एक बड़ा स्कैंडल सामने आया, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। यह मामला न केवल यूपीएससी (UPSC) की प्रक्रिया की पारदर्शिता को चुनौती देता है, बल्कि देश में प्रशासनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार और धांधली के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को भी उजागर करता है।

क्या था मामला?

पूजा खेडकर, जो UPSC परीक्षा में सफल होकर IAS अधिकारी बनीं थीं, के खिलाफ आरोप था कि उन्होंने अपनी दिव्यांगता, ओबीसी कैटेगरी, आर्थिक स्थिति और यहां तक की पैरेंट्स के नाम तक को लेकर गलत जानकारी और फर्जी सर्टिफिकेट पेश की थी। पूजा ने अपनी कागजी कार्यवाही में फर्जी सर्टिफिकेट का हवाला दिया था, जो बाद में जांच के दौरान गलत पाया गया। जांच में यह पाया गया कि पूजा ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों में धोखाधड़ी की थी, जिससे उनकी नियुक्ति पर सवाल उठने लगे।

लंबी छानबीन

इस मामले में शुरुआत में पूजा के पक्ष में कुछ लोग आए थे, लेकिन मामले की गहराई में जाकर जब यूपीएससी ने कड़ी जांच शुरू की, तो कई अनियमितताएं सामने आईं। पूजा के दस्तावेजों को लेकर कई बार पूछताछ की गई और अंततः यह सामने आया कि उन्होंने कुछ दस्तावेजों में फर्जी जानकारी दी थी। इसके बाद, UPSC ने पूरी तरह से इस मामले की छानबीन की और पाया कि उनका चयन गलत तरीके से हुआ था।

UPSC का निर्णय

जांच के बाद, UPSC ने पूजा खेडकर की IAS की कुर्सी छीन ली और उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया। यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और कड़ी नीतियों के तहत उठाया गया था, ताकि यह संदेश जाए कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में कोई भी धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। UPSC का यह फैसला भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में सत्यनिष्ठा और ईमानदारी की अहमियत को दिखाता है।

वीआईपी मांगों को लेकर चर्चा में आईं थी ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर

पूजा खेडकर, जो कि एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी थीं, 2024 में अपने कुछ वीआईपी मागों को लेकर सुर्खियों में आईं थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने सरकारी कार, खास सुरक्षा सेवाएं, पर्सनल ऑफिसर रूम और VIP ट्रीटमेंट की मांग की थी। जबकि एक ट्रेनी अधिकारी के रूप में उन्हें ऐसी सुविधाएं नहीं मिल सकती थीं, फिर भी उन्होंने इन विशेष सुविधाओं का लाभ उठाने की कोशिश की।

समाज में प्रतिक्रिया

पूजा खेडकर के मामले ने खासकर उन छात्रों के लिए चेतावनी का काम किया है, जो शॉर्टकट अपनाने की सोचते हैं। हालांकि कुछ लोग पूजा के पक्ष में भी आए, लेकिन अंततः न्याय और पारदर्शिता के पक्ष में UPSC ने जो कदम उठाया, उसने भारतीय प्रशासनिक सेवा के बारे में एक नया संदेश दिया। पूजा खेडकर के मामले ने यह साबित कर दिया कि चाहे आप कितने भी सक्षम क्यों न हों, भारतीय प्रशासनिक सेवा में सत्यनिष्ठा और ईमानदारी से बड़ा कोई मूल्य नहीं है। यह घटना आने वाले समय में अन्य उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी सीख बनकर रहेगी। प्रशासनिक सेवाओं में चुनौतियां हमेशा रहती हैं, लेकिन यह जरूरी है कि व्यक्ति अपनी योग्यता के दम पर ही सफलता हासिल करे, न कि किसी धोखाधड़ी के सहारे।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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