अमेरिका में जॉब छोड़ IIT इंजीनियर ने 20 गायों से शुरू किया डेयरी फार्म, 44 करोड़ का टर्न ओवर

जॉब के छह साल के बाद उन्होंने फील किया कि उनका असली जुनून को एग्रीकल्चर है। कर्नाटक में उनके परिवार की कुछ जमीन थी। उन्होंने खेतों को देखा और किसानों के साथ बातचीत करने लगे।

करियर डेस्क. ऐसा बहुत कम होता है जब लोग अपनी लग्जरी लाइफ को छोड़कर सादगी भरा जीवन जीने लगते हैं। किशोर इंदुकुरी ने अमेरिका में अपनी इंटेल की जॉब छोड़कर भारत लौटे और कृषि के काम में जुड़ गए। उन्होंने हैदराबाद में एक सिड्स फार्म के नाम से डेयरी फार्म शुरू किया और ग्राहकों को सब्सक्रिप्शन के आधार पर गैर मिलावटी दूध पहुंचाना शुरू किया। किशोर इंदुकुरी का जन्म एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ।

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किशोर इंदुकुरी की अमेरिका में जाकर पढ़ाई करने और जॉब करने की इच्छा थी। IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने एमहर्स्ट मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से पॉलिमर साइंस एंड इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली और फिर पीएचडी पूरी करने के बाद उन्होंने इंटेल में नौकरी की।

छह साल की जॉब
जॉब के छह साल के बाद उन्होंने फील किया कि उनका असली जुनून को एग्रीकल्चर है। कर्नाटक में उनके परिवार की कुछ जमीन थी। उन्होंने खेतों को देखा और किसानों के साथ बातचीत करने लगे। उसके बाद उन्होंने मैंने अपनी जॉब छोड़ने और खेती करने का फैसला किया। हैदराबाद वापस आने पर उन्होंने देखा कि बिना मिलावट वाला सस्ता दूध एक अच्छा विकल्प है। मैं अपने बेटे और अपने परिवार के लिए और हैदराबाद के लोगों के लिए बदलाव लाना चाहता था।

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डेयरी फार्म शुरू किया
उन्होंने अपना डेयरी फार्म शुरू किया और अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने के बारे में सोचा। 2012 में उन्होंने कोयंबटूर से 20 गायें खरीदीं और हैदराबाद में एक डेयरी फार्म बनाया। सब्सक्रिप्शन के आधार पर शहर के कस्टमर को उन्होंने सीधे तौर पर दूध की सप्लाई शुरू कर दी। 

बेटे के नाम से रखा ब्रांड
2016 में  अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर उन्होंने सिड के फार्म को रजिस्टर किया। अब उनके यहां 120-कर्मचारी हर रोज करीब 1द हजार से अधिक कस्टमर को दूध पहुंचाते हैं और पिछले साल उन्होंने 44 करोड़ रुपये का कारोबार किया।

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पहले सीधे ग्राहकों को दिया दूध
उन्होंने कहा कि यह आसान नहीं था। यहां के बिजनेस कल्चर से मुझे जल्दी परिचित होना था। पहली बार मैंने 20 गायों के साथ सीधे ग्राहकों को दूध बेचना शुरू किया। मैंने तय किया कि जब लोग दिन की पहली चाय या कॉफी  लें दूध घरों तक पहुंच जाए। इसलिए, हम सुबह 4 बजे दूध निकालने लगे। लेकिन धीरे-धीरे मांग बढ़ने लगी और समय में दूध देना हमारे लिए एक चुनौती थी। गाय और भैंस के दूध के साथ शुरुआत करने के बाद, सिड का फार्म अब गाय और भैंस के दूध, गाय के दूध का मक्खन, स्किम दूध, गाय के दूध का घी, भैंस के दूध का घी और मक्खन, गाय और भैंस के दही सहित कई डेयरी उत्पादों का उत्पादन कर रहा है।

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