IAS Success Story:फेल होने पर भी निराश नहीं हुईं आईएसएस तेजस्वी, बिना किसी कोचिंग के ऐसे हुईं कामयाब

संघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी-2021 की परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है। इसमें यूपी के बिजनौर जिले में स्थित बास्टा गांव की श्रुति शर्मा (UPSC Topper Shruti Sharma) ने टॉप किया है। श्रुति की तरह ही और भी कई आईएएस अफसर हैं, जिन्होंने दूसरे प्रयास में कामयाबी पाई। आइए जानते हैं उन्हीं में से एक तेजस्वी राणा की सक्सेस स्टोरी। 

IAS Success Story:संघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी-2021 की परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है। इसमें यूपी के बिजनौर जिले में स्थित बास्टा गांव की रहने वाली श्रुति शर्मा (UPSC Topper Shruti Sharma) ने टॉप किया है। खास बात ये है कि श्रुति शर्मा ने अपने दूसरे अटैम्प्ट में यूपीएससी टॉप किया। श्रुति शर्मा की ही तरह ऐसी कई आईएसएस ऑफिसर हैं, जिन्हें पहले प्रयास में कामयाबी नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती रहीं। कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है आईएसएस ऑफिसर तेजस्वी राणा की। 

तेजस्वी राणा ने पहली बार 2015 में दी यूपीएससी परीक्षा : 
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले की रहने वाली आईएसएस ऑफिसर तेजस्वी राणा ने बारहवीं तक पढ़ाई करने के बाद जेईई की परीक्षा दी। तेजस्वी इंजीनियर बनना चाहती थीं। उन्हें आईआईटी कानपुर में एडमिशन मिल गया। इसी दौरान उनकी रुचि यूपीएससी परीक्षा की तरफ बढ़ी। इसके बाद तेजस्वी ने पहली बार 2015 में यूपीएसएस की परीक्षा दी और प्रीलिम्स क्लियर कर लिया। हालांकि, मेंस में उन्हें सफलता नहीं मिली। 

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दूसरे प्रयास में तेजस्वी ने ऐसे पाई कामयाबी : 
इसके बाद तेजस्वी राणा ने 2016 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी में 12वीं रैंक हासिल की थी। इसकी तैयारी के लिए सबसे पहले उन्होंने अपने बेसिक क्लियर किए। 
- बेसिक क्लियर करने के लिए 6th से लेकर 12th तक की एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ा। इसके अलावा उन्होंने डेली अखबार पढ़ने की आदत डाली और अपने लिए छोटे-छोटे नोट्स बनाए। 
- अपनी तैयारी का एग्जाम लेने के लिए उन्होंने मॉक टेस्ट दिए और खुद का एनालिसिस भी किया। इसके साथ ही उन्होंने सवालों के जवाब लिखने की प्रैक्टिस भी की। 
- तेजस्वी राणा के मुताबिक, पढ़ाई के लिए उन्होंने अपना एक टाइम टेबल फिक्स किया था और उसी के मुताबिक स्टडी करती थीं। मैंने कभी पढ़ने के लिए कोचिंग का सहारा नहीं लिया।  

तेजस्वी को यहां से मिली प्रेरणा :
तेजस्वी राणा के मुताबिक, जब वो आईआईटी कानपुर में थीं तो उनके कॉलेज में अक्सर आईएएस अफसर कई इवेंट पर आते थे। यहां उनकी स्पीच और फैसले लेने की क्षमता ने मुझे बहुत अधिक प्रभावित किया। यहीं से मुझे आईएसएस बनने की प्रेरणा मिली। 

इसलिए लेडी सिंघम कहलाती हैं तेजस्वी राणा :
बता दें कि तेजस्वी राणा ने कोरोना लॉकडाउन के समय 14 अप्रैल, 2020 को विधायक राजेन्द्र सिंह बिधुड़ी की गाड़ी रोकी थी। इसके साथ ही कृषि मंडी में फैली अव्यवस्था पर कार्रवाई करने की वजह से भी वो चर्चा में आई थीं। लॉकडाउन में सख्ती बरतने पर तेजस्वी राणा का ट्रांसफर संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी, जयपुर कर दिया गया था। 

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