Success Story: IAS बनने वाली सदफ से जानें UPSC के Do and Don'ts: 1 चीज के लिए ना पढ़ें 10-10 किताबें

Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 17, 2021 1:31 PM IST

करियर डेस्क. UPSC की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स कई तरह की रणनीति अपनाते हैं लेकिन कभी-कभी उनकी बनाई गई रणनीति पर सफलता नहीं मिल पाती है। अमरोहा के जोया कस्बे की रहने वाली सदफ चौधरी (sadaf choudhary) की संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में 23वीं रैंक आई है। सफलता का यह मुकाम हासिल करने के लिए  सदफ ने रणनीत् बनाकर कर तैयारियां की। इसके साथ ही उन्होंने कई अहम बातों पर भी फोकस किया।  संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने सदफ चौधरी  से बातचीत की। आइए जानते हैं सदफ चौधरी ने UPSC के Do and Don'ts क्या-क्या बताए हैं। 

बचपन से ही शुरू हो जाती है यूपीएससी की जर्नी
जब आप यूपीएससी परीक्षा चक्र में जाते हैं तो यह काफी लंबा रहता है। सदफ का कहना है कि यूपीएससी की जर्नी बहुत पहले से शुरू हो जाती है। शुरूआती दिनों से ही आप कैसी किताबें पढ़ रहे हैं, आपके दोस्त कैसे हैं, आपकी संगति कैसी है, किस तरह की चीजों में आप हिस्सा ले रहे हैं। इन वजहों से बचपन से ही आपके व्यक्तित्व का विकास होना शुरू हो जाता है। वह शुरूआती दिनों से ही डिबेटिंग वगैरह में पार्टीशिपेट करती थीं। उनकी जर्नी बचपन से ही शुरू हो गयी थी। सदफ का कहना है कि वर्ष 2018 में जब यूपीएससी की जर्नी शुरू की तो वह डेडिकेटेड टाइम था। ज्यादातर समय किताबों के बीच में ही गुजरता था। वह मेहनत करती थी।

घर पर ही रहकर करें तैयारी
सदफ ने घर पर ही रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयार की। दो साल तक कड़ी मेहनत की। सदफ कहती हैं कि पढ़ाई के दौरान किसी और से ज्यादा इंटरएक्शन नहीं होता था। परीक्षा की तैयारी में सबको कुछ न कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जब आप छोटे शहर में रह रहे हों। जहां पढ़ने के लिए रिसोर्सेज नहीं हैं, उतना गाइडेंस नहीं है। फेलियर वाली चीजें भी आपको फेस करनी पड़ती हैं। अपने इमोशन को मैनेज करना पड़ता था। जब उनका पहली बार प्रीलिम्स नहीं निकला था। पर अभी जब वह पीछे मुड़कर देखती हैं तो उन्हें लगता है कि उनकी जर्नी बहुत सफल रही है। इस जर्नी ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है कि कैसे अपनी पर्सनालिटी डेवलप करनी होती है। कैसे खुद को व्यवस्थित करना होता है।

खुद का रिचार्ज करने के लिए ब्रेक लें
सदफ का कहना है कि मोटिवेशन अंदर से आती है। वह अपना वीकली टारगेट बनाती थी और उसे अचीव ही करती थी और जब एक बार टारगेट अचीव हो जाता था तो उन्हें पता रहता था कि उन्होंने कितनी प्रोग्रेस कर ली है और उन्हें उस विषय में कितनी आगे और तैयारी करनी है। खुद को रिचार्ज करने के लिए वह हर वीक के बाद ब्रेक लिया करती थी। उनका कहना है कि इस दौरान यह सेल्फ डाउट भी होता था कि सफल होंगे या नहीं। कभी कभी यह विचार भी आता था और वह खुद से सवाल करती थीं कि कहीं जॉब छोड़कर तैयारी करने का फैसला गलत तो नहीं था। पर ऐसे मौके पर उन्होंने अपने आपको मोटिवेट किया। उनका कहना है कि उन क्षणों में वह यही सोचती थी कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी क्यों शुरू की। उनका कहना है कि तब आपका वहीं प्रेरणास्रोत काम आता है, जब आप सेल्फ डाउट या निराशा की स्थिति में खुद से सवाल करते हैं कि आपने यह तैयारी क्यों शुरू की? आप जब उसे याद रखेंगे तो आपकी मोटिवेशन बनी रहती है।

इंटरव्यू के पहले थीं कांफिडेंट
सदफ चौधरी इंटरव्यू के पहले काफी आत्मविश्वास से लबरेज थी। इंटरव्यू के पहले उन्होंने मॉक इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्हें अच्छा फीडबैक मिला था। दूसरी और उस दौरान कोविड—19 महामारी की वजह से इंटरव्यू कुछ समय के लिए टाल दिया गया था। इसकी वजह से उन्हें काफी समय तैयारी के लिए मिल रहा था। सदफ का कहना है कि चूंकि वह इंटरव्यू के लिए अच्छे से तैयार थी। साक्षात्कार बोर्ड से सामना करने को लेकर कोई डर नहीं था लेकिन एक चीज बनी रहती है कि कहीं कुछ गलत न हो जाए। मेरी बहन मेरे साथ थी। उनका इंटरव्यू 35 मिनट चला था।

तैयारी से पहले प्लानिंग जरूरी
सदफ कहती हैं कि तैयारी से पहले प्लानिंग करना जरूरी है। उसे अच्छे से फॉलो करिए। अपने साथ ईमानदार रहिए कि जो टारगेट सेट किया है, उसे फालो करना ही करना है। जब आप ऐसा करेंगे तो स्टडी अच्छे से होगी। आपके अंदर कांफिडेंस भी आएगा, जो बहुत जरूरी है। उनका कहना है कि ज्यादा लोगों की सुनिए मत। जैसे कोई नया मैटेरियल आ गया। किसी ने नया सुझाव दिया तो हम बार बार भटकते रहते हैं। यह गलत है। आप 80 प्रतिशत फिक्स रहिए। अपनी योजना में 20 प्रतिशत ऊपर-नीचे कर सकते हैं। आपने अपना एक बार जो तय कर लिया है। उसे फॉलो करते जाना है। ऐसा नहीं कि एक चीज के लिए दस दस किताबों पढ रहे हैं। एक टॉपिक को दस जगह से नहीं पढें। फोकस रहिए। सोशल मीडिया का सेलेक्टिव यूज कर सकते हैं। वह खुद एक साइलेंट यूजर थी।

युवाओं का सोसाइटी के प्रति दायित्व
सदफ का कहना है कि युवाओं में एक चीज इनवाइट करने की जरूरत है। वह यह है कि आप यदि सोसाइटी से निकलकर आ रहे हो तो आपका दायित्व भी सोसाइटी के प्रति बनता है। आप लोगों को पढने के लिए मोटिवेट करिए। आपसे जितनी गाइडेंस हो पाए, उपलब्ध कराइए। सदफ चौधरी यूपीएससी 2020 परीक्षा में 23वीं रैंक पाकर आईएएस बनी हैं लेकिन यदि वह आईएएस न होती तो क्या होती, इस पर उन्होंने कहा- वह आईएएस न होती तो बैंकर होती, क्योंकि वह बैंक में काम कर रहीं थीं। अपनी जॉब को बहुत इंज्वाय कर रहीं थी। इस बार उनका आरबीआई में भी सिलेक्शन हो गया था। उन्हें ट्रैवेलिंग पसंद है तो वह पार्ट टाइम ट्रैवेलर भी होती।

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