अब भारतीय छात्रों को हुनरमंद बनाएगी जापान की यह कंपनी, दो प्रोग्राम किए लांच

टीवी, फ्रीज जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक सामान बनाने वाली जापान की पैनासोनिक इंडिया ने पठन-पाठन के क्षेत्र में कदम रखा है। कंपनी ने युवाओं को कौशल प्रदान करने के मकसद से शिक्षा आधारित समाधान ‘कैरियरेक्स’ एवं ‘एक्सेलइट’ पेश किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2020 1:16 PM IST / Updated: Jan 28 2020, 07:58 PM IST

नई दिल्ली. टीवी, फ्रीज जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक सामान बनाने वाली जापान की पैनासोनिक इंडिया ने पठन-पाठन के क्षेत्र में कदम रखा है। कंपनी ने युवाओं को कौशल प्रदान करने के मकसद से शिक्षा आधारित समाधान ‘कैरियरेक्स’ एवं ‘एक्सेलइट’ पेश किया है। कंपनी ने 2025 तक इसका लाभ करीब एक लाख छात्रों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि दोनों उत्पादों का उद्देश्य कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों में मौजूदा शिक्षा पाठ्यक्रम और रोजगार के हिसाब से पड़ने वाली जरूरत के बीच कमी को दूर करना है। इन उत्पादों को यहां एक कार्यक्रम में एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्त्रबुद्धे, उपाध्यक्ष एम पी पुनिया, और सीबीएसई के निदेशक डा. अंतरिक्ष जोहरी की मौजूदगी में जारी किया गया।

छोटे शहरों में रहने वाले छात्रों को होगा इससे फायदा 

कैरियरेक्स को कॉलेज एवं विश्विद्यालयों के छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों को डेटा साइंस, क्लाउड कंप्युटिंग, मशीन लर्निंग / कृत्रिम मेधा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में कौशल प्रदान करना है। वहीं एक्सेलइट को खासकर छोटे एवं मध्यम शहरों में रहने वाले स्कूली छात्रों के लिये तैयार किया गया है। यह उन्हें आधुनिक प्रौद्योगिकी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करेगा।

फरवरी से शुरू होगीं कक्षाएं

पैनासोनिक इंडिया प्रमुख (मोबिलिटी डिविजन) पंकज राणा ने कहा, ‘‘भारत तेजी से डिजिटल रूप से विकसित हो रहा है। कारोबार में व्यापक बदलाव आ रहे हैं। बदलती प्रौद्योगिकी के साथ कौशल की कमी को दूर करना एवं भविष्य के लिये कार्यबल तैयार करना जरूरी है...।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कक्षाएं फरवरी से शुरू हो रही हैं। अगले तीन महीने में पांच विश्वविद्यालयों के साथ हमारा गठजोड़ होगा और हर तिमाही नये विश्वविद्यालयों को हम जोड़ेंगे।’’ कंपनी के इन आधुनिक निदानों को बेंगलूरू स्थित ‘इंडिया इन्नोवेशन सेंटर - आईआईसी’ में डिजाइन और विकसित किया गया है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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