डाक विभाग की भर्ती में फ्रॉड: आवेदन करने वाले 95% उम्मीदवारों की डिग्री फर्जी, ऐसे खुली पोल

प्रवर डाक अधीक्षक मनीष कुमार ने मीडिया से कहा है कि जिन उम्मीदवारों की डिग्रियां फर्जी मिली हैं, उन्हें पत्र लिखा गया है। उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने एसपी को भी एक पत्र के जरिए मामले की जानकारी दी गई है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 23, 2022 8:06 AM IST / Updated: Aug 23 2022, 01:59 PM IST

करियर डेस्क : उत्‍तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में सरकारी नौकरी पाने गजब का खेल हुआ है। ब्रांच पोस्टमास्टर के लिए मंगाए गए आवेदन में 95 प्रतिशत उम्मीदवारों की डिग्री फर्जी पाई गई है। मामला गोरखपुर (Gorakhpur) का है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां ब्रांच पोस्ट मास्टर के 100 पदों पर भर्ती की जानी थी। प्रवर डाक अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि उनमें से अधिकांश उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट जाली हैं। ऐसे अभ्यर्थियों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराए जाएंगे। फर्जी तरीके से मार्कशीट बनवाकर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की जांच भी शुरू हो गई है।

क्या है पूरा मामला
डाक विभाग ने इसी साल मई-जून में गोरखपुर में 100 पदों पर BPM यानी ब्रांच पोस्ट मास्टर के पदों पर आवेदन मंगाए। 12वीं के मार्क्स को प्रॉयरिटी देने का क्राइटेरिया था। सभी उम्मीदवारों को ऑनलाइन आवेदन करना था। 100 पदों के लिए करीब 500 आवेदन आए। जिले से सटे बिहार के कई जिलों से अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया।  कई के मार्कशीट तो झारखंड, महाराष्ट्र, बिहार के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के भी थे। इनमें से कई के मार्क्स 98 प्रतिशत से ज्यादा थे।

दो अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट से खुलासा
डाक विभाग ऑफिस की तरफ से मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, जितने लोगों ने पोस्टमास्टर पद के लिए आवेदन किया था, उनमें सिवान का अभिषेक सिंह भी शामिल था। जब उसके सर्टिफिकेट की जांच की गई तो पाया गया कि उसने झारखंड बोर्ड से इंटर की पढ़ाई की है। जिसमें 98.08 प्रतिशत रिजल्ट प्राप्त किया। जब इसकी जांच हुई तो यह फर्जी पाया गया। इसी तरह  देवरिया के रसूल मियां ने भी झारखंड बोर्ड से 98.06 प्रतिशत अंक की डिग्री के साथ आवेदन किया था। यह प्रमाणपत्र भी फर्जी पाया गया। 

जिस कोर्स की मार्कशीट दी, उसकी पढ़ाई ही नहीं की
ऑनलाइन आवेदन के बाद कुछ उम्मीदवार शॉर्ट लिस्ट किए गए। जब उन्हें ओरिजिनल डॉक्‍यूमेंट्स के साथ बुलाया गया तब मामले में और भी फर्जी सर्टिफेकेट होने का खुलासा हुआ। जब डाक विभाग ने संबंधित बोर्ड से जानकारी ली तो पता चला कि आवेदकों ने जिन कोर्स की डिग्री दी थी, संबंधित बोर्ड से उन्होंने उसकी पढ़ाई ही नहीं की थी। ऐसे मामले एख या दो नहीं बल्कि 95 प्रतिशत थे। 

इन धाराआों में दर्ज होंगे केस
प्रवर डाक अधीक्षक कहा है कि ऐसे अभ्यर्थियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन भी जिले से वे आते हैं, वहां के पुलिस अधीक्षक और जिम्मेदारों को पत्र लिखा गया है। इन आवेदकों की जांच के बाद उन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किए जाएंगे। ऐसे उम्मीदवारों पर आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज हो सकत है, जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।

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