नौकरी के साथ-साथ करती रही पढ़ाई, हर लड़की को एक बार पढ़नी चाहिए इस IAS की कहानी

यह लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन उसके पिता का सपना था कि वह आईएएस अफसर बने। इस बीच, काजल नाम की यह लड़की जॉब करने लगी। चार बार वह आईएएस प्रिलिम्स एग्जाम क्वालिफाई नहीं कर सकी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और आखिर में 2018 में वह यूपीएसससी एग्जाम क्रैक करने में सफल हुई। 
 

करियर डेस्क। यह लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन उसके पिता का सपना था कि वह आईएएस अफसर बने। इस बीच, काजल नाम की यह लड़की जॉब करने लगी। चार बार वह आईएएस प्रिलिम्स एग्जाम क्वालिफाई नहीं कर सकी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और आखिर में 2018 में वह यूपीएसससी एग्जाम क्रैक करने में सफल हुई। काजल जावला ने इस परीक्षा में 28वीं रैंक हासिल की। 

करती थीं जॉब
काजल पिछले 9 सालों से जॉब कर रही थीं। रोज 9 घंटे की जॉब करते हुए सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी करना कितना मुश्किल हो सकता है, इसके बारे में सोचा जा सकता है। काजल जब जॉब के लिए जाती थीं तो कैब में पढ़ाई करती रहती थीं। इसके बाद घर लौटने भी पढ़ाई करती थीं। इस दौरान उसे अपने पिता, पति और घरवालों की पूरी मदद मिली। चार बार की असफलता के बाद पांचवें प्रयास में जब उन्होंने आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल की तो उनके साथ घर वालों की खुशी को कोई ठिकाना नहीं था।

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एपीजे अब्दुल कलाम को मानती हैं रोल मॉडल
काजल पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम को अपना रोल मॉडल मानती हैं। उनकी सादगी से वह बहुत प्रभावित हैं। इसके बाद वह अपने पिता को सबसे ज्यादा महत्व देती हैं। उनके पिता ने ही उन्हें लगातार सफलता के बावजूद हिम्मत नहीं हारने की सलाह दी और उनका उत्साह बढ़ाते रहे। 

कैसे की तैयारी
काजल को तैयारी के लिए बहुत कम वक्त मिल पाता था, लेकिन इसी में उन्होंने सब कुछ व्यवस्थित तरीके से किया। उनका कहना है कि प्रिलिम्स और मेन परीक्षा के लिए अलग-अलग तैयारी करनी चाहिए। फैक्ट्स और कॉन्सेप्ट को लेकर किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए। मुख्य परीक्षा में विषय के चुनाव को लेकर खास ध्यान रखना चाहिए। वही विषय लेना चाहिए, जिसके बारे में पहले से पढ़ रखा हो। इससे आसानी होती है। काजल ने खुद जूलॉजी को मुख्य विषय के तौर पर लिया था। काजल का कहना है कि इंटरव्यू के लिए करंट अफे्यर्स और टॉपिक्स की सटीक जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए नियमित तौर पर अखबार पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि तैयारी करते हुए एनसीईआरटी की किताबें जरूर पढ़नी चाहिए। इससे कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाते हैं। 


 

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