इस शख्स ने हवा से बना दिया पानी, अमेरिका से हासिल किया एयर-ओ-वॉटर का पेटेंट

हवा से पानी बनाना। कई लोग इस पर यकीन नहीं करेंगे, लेकिन यह सच है। यह एक ऐसी तकनीक है, जिससे हवा से पानी तैयार किया जाता है और इसका पेटेंट मुंबई के एक बिजनेसमैन ने अमेरिका से 15 करोड़ रुपए में आज से 10 साल पहले हासिल किया था। 

करियर डेस्क। हवा से पानी बनाना। कई लोग इस पर यकीन नहीं करेंगे, लेकिन यह सच है। यह एक ऐसी तकनीक है, जिससे हवा से पानी तैयार किया जाता है और इसका पेटेंट मुंबई के एक बिजनेसमैन ने अमेरिका से 15 करोड़ रुपए में आज से 10 साल पहले हासिल किया था। दरअसल, यह एक ऐसी तकनीक है, जिससे पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। यूरोप के देशों और अमेरिका में इस तकनीक का इस्तेमाल काफी पहले से हो रहा है, पर अब सिद्धार्थ शाह इसे भारत में भी लोकप्रिय बनाने में जुटे हैं। उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि फ्रिज की तरह यह मशीन हर घर में हो। वैसे तो यूरोप और अमेरिका में इसकी कीमत बहुत ज्यादा है, लेकिन इसका पेटेंट हासिल करने के बाद शाह इसका निर्माण देश में ही कर रहे हैं। सबसे कम क्षमता वाली 25 लीटर की मशीन की कीमत करीब 65 हजार रुपए है।

कैसे काम करती है यह तकनीक
यह तकनीक प्रकृति के सिद्धांतों पर काम करती है। यह मशीन हवा में मौजूद आर्द्रता यानी नमी से पानी बनाने में सक्षम है। यह अडॉप्टेबल टेक्नोलॉजी पर काम करती है और हवा की नमी को सोख कर उसे पानी में तब्दील कर देती है। शाह कहते हैं कि उन्हें आने वाले समय में जल-संकट के खतरे का अंदाज था, इसलिए जैसे ही उन्हें इसकी तकनीक का पता चला, उन्होंने 15 करोड़ खर्च कर इसका पेटेंट हासिल कर लिया। उनकी कंपनी ने पिछले दो वर्षों से इसका उत्पादन करना शुरू कर दिया है। 

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कई तरह की हैं मशीनें
शाह बताते हैं कि उन्होंने घरेलू उपयोग के लिए 25 लीटर की क्षमता वाली मशीन बनाई है, वहीं औद्योगिक इस्तेमाल के लिए 100 लीटर, 500 लीटर और 1000 लीटर की क्षमता वाली मशीनें तैयार करवाई हैं, जिनकी कीमत क्रमश: 2 लाख, 5 लाख और 7 लाख रुपए है। उनका कहना है कि कंपनी हर महीने 100 से 250 यूनिटें इन मशीनों की बेच रही हैं और अब जाकर उन्हें कुछ मुनाफा होने लगा है।

सूखाग्रस्त क्षेत्र के लिए काम की है मशीन
शाह का कहना है कि यह मशीन सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए बहुत काम की है। इससे जरूरत के मुताबिक पानी तैयार किया जा सकता है, लेकिन यह मशीन वहीं ज्यादा कारगर हो पाती है, जहां वातावरण में नमी ज्यादा है। शाह का कहना है कि मुंबई, चेन्नई, कोच्चि और दूसरे तटीय शहरों में यह मशीन पानी का काफी उत्पादन कर पाने में सक्षम है। उनका कहना है कि सरकार को इसकी तरफ ध्यान देना चाहिए, क्योंकि परपंरागत जल-स्रोत लगातार कम होते जा रहे हैं और पर्यावरण की गंभीर हो रही समस्या के चलते भविष्य में जल-संकट और भी बढ़ेगा।

भिवंडी में लगा रखा है कारखाना
यह मशीन बनाने के लिए शाह ने मुंबई के पास भिवंडी में कारखाना लगा रखा है, जहां हर महीने करीब 1000 एयर-ओ-वॉटर मशीनों का निर्माण हो रहा है। शाह का कहना है कि उन्होंने साल 2017 से इसकी मार्केटिंग शुरू की है। शुरुआत में तो उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली, पर जैसे-जैसे लोग इसकी उपयोगिता को समझ रहे हैं, वे यह मशीन खरीद रहे हैं और यह कारगर साबित हो रही है। शाह का कहना है कि उनका उद्देश्य इसके जरिए मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि भविष्य में पैदा होने वाले जल-संकट की समस्या के निदान के लिए एक विकल्प मुहैया कराना है।     

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