इस बार सैटेलाइट से परीक्षा पर नजर रखेगा CBSE, करने जा रहा ऐप लॉन्च

इस बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं पर सैटेलाइट से नजर रखने जा रहा है। बता दें कि परीक्षा के सही तरीके से संचानल के लिए बोर्ड एक ऐप भी लॉन्च करने जा रहा है। सीबीएसई की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 1 जनवरी से शुरू हो जाएंगी।

Asianet News Hindi | Published : Dec 16, 2019 4:38 AM IST / Updated: Dec 16 2019, 10:14 AM IST

करियर डेस्क। इस बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं पर सैटेलाइट से नजर रखने जा रहा है। बता दें कि परीक्षा के सही तरीके से संचालन के लिए बोर्ड एक ऐप भी लॉन्च करने जा रहा है। सीबीएसई की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 1 जनवरी से शुरू हो जाएंगी। बताया जा रहा है कि सीबीएसई के सिर्फ 188 स्कूल सिर्फ लखनऊ में ही हैं, जिन पर परीक्षाओं के दौरान सैटेलाइट से कड़ी नजर रखी जाएगी। प्रैक्टिकल परीक्षा 1 जनवरी से 7 फरवरी तक चलेगी, वहीं सैद्धांतिक परीक्षा की शुरुआत 15 फरवरी से होगी। 

सैटेलाइट से परीक्षा की निगरानी करने के लिए सीबीएसई जल्दी ही एक ऐप लॉन्च करने जा रहा है, जिसे सैटेलाइट से कनेक्ट किया जाएगा। इस ऐप को सभी परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापकों को डाउनलोड करना होगा। इस पर ही परीक्षार्थियों की संख्या, परीक्षा का विषय, रोल नंबर, निरीक्षकों की ड्यूटी का ब्योरा और दूसरी सारी जानकारी देनी होगी। इस ऐप के जरिए परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक से लेकर परीक्षक और सीबीएसई के अधिकारी जुड़े रहेंगे।

प्रायोगिक परीक्षा के लिए एक आंतरिक और एक बाहरी परीक्षक की नियुक्ति की जाएगी। बाहर से आने वाले परीक्षक को एक दिन पहले केंद्र पर जाकर उसका निरीक्षण करना होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि पहले शिकायतें मिली हैं कि दूर-दराज के इलाकों में प्रायोगिक परीक्षा कायदे से नहीं कराई जाती रही है और इसके नाम पर महज खानापूर्ति कर दी जाती रही है। इसीलिए इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। प्रायोगिक परीक्षा में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए, इसलिए हर केंद्र का औचक निरीक्षण करवाने की व्यवस्था भी की गई है। 

सभी केंद्रों पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ही प्रायोगिक परीक्षा के लिए उत्तर पुस्तिकाएं भेज दी जाएंगी। अगर किसी भी परीक्षा केंद्र पर लापरवाही बरते जाने की सूचना मिलेगी तो सीबीएसई कड़ी कार्रवाई करेगा। इसके लिए सभी स्कूलों को एक प्रपत्र भेजा गया है। इसके अनुसार, रोज हर स्कूल को अपने यहां संचालित होने वाली परीक्षा को लेकर एक रिपोर्ट भेजनी होगी। कहा जा रहा है कि सैटेलाइट से जुड़े ऐप के जरिए परीक्षा की व्यवस्था पर नजर रखना बहुत आसान होगा और किसी भी तरह की गड़बड़ी तुरंत पकड़ी जा सकेगी। 

 

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