यूपीएससी (UPSC 2020) में 103वीं रैंक हासिल करने वाले अनमोलम (Anmolam) कहते हैं कि इंटरव्यू को टफ नहीं कहूंगा, क्योंकि मेरा अनुभव अच्छा था। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है।
करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में इंटरव्यू में कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। यूपीएससी (UPSC 2020) में 103वीं रैंक हासिल करने वाले अनमोलम (Anmolam) कहते हैं कि इंटरव्यू को टफ नहीं कहूंगा, क्योंकि मेरा अनुभव अच्छा था। इंटरव्यू में इंटरएक्शन का लेबल बहुत अच्छा था। वहां मॉक इंटरव्यू जैसा माहौल नहीं होता है। वह पहले आपको कम्फर्टेबल महसूस कराते हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने अनमोलम से बातचीत की। आइए जानते हैं इंटरव्यू में उनसे किस तरह के सवाल पूछे गए थे।
सवाल- ‘एनरिका लेक्सी’ केस क्या है?
जवाब- यह बताया कि इटली और इंडिया के बीच क्या मामला था। किसने डिसाइड किया। क्या डिसाइड किया, लॉ प्वाइंट क्या था।
सवाल- वन नेशन वन इलेक्शन पर ला कमीशन ने जो रिकमेंडेशन दिया है, वह क्या था, इसे किस तरह से किया जाए, इसकी फिजिबिलिटी क्या थी?
जवाब- आइडिया अच्छा है, लेकिन इसकी कांस्टिट्यूशनल फिजिबिलिटी क्वैश्चनेबल (संदिग्ध या शंकापूर्ण) है क्योंकि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संविधान में बहुत सारा अमेंडमेंट लाना पड़ेगा, वह कैसे होगा और फिर यहां पर फेडरलिज्म का इशू इनवाल्व है। बेसिक स्ट्रक्चर का इशू इनवाल्व है। इसके एराउंड इसका जवाब दिया था।
सवाल- आप लॉ और जस्टिस में क्या फर्क पाते हैं?
जवाब- जस्टिस अंत है और लॉ एक साधन है, जिस पर आप जस्टिस प्राप्त करते हैं।
सवाल- क्या लॉ अनजस्ट (अन्यायपूर्ण या अनुचित) हो सकता है, इसका उदाहरण बताइए?
जवाब- नाजी जर्मनी और स्टालिन के यूएसएसआर का उदाहरण दिया। उनमें बहुत से लॉ अनजस्ट थे।
सवाल- चाइना का इकोनॉमिक मॉडल सस्टेनेबल है या नहीं?
जवाब- चाइना का माडल इतना सस्टेन करेगा, यह क्वैश्चेनबल इसलिए है क्योंकि चाइना डेमोक्रेसी नहीं है। जब डेमोक्रेसी नहीं होती है तो डेवलपमेंट सस्टेनेबल नहीं होता है।
सवाल- इसका उदाहरण बताइए, जहां डेमोक्रेसी नहीं थी और डेवलपमेंट मॉडल सस्टेनेबल नहीं हो पाया?
जवाब- यूएसएसआर बहुत सालों तक विकास करता रहा। पर बाद में वह डिसइंटीग्रेट हो गया। डेवलपमेंट के लिए डेमोक्रेसी जरूरी है। बिना डेमोक्रेसी के डेवलपमेंट कभी सस्टेनेबल नहीं हो सकता।
इंटरव्यू में प्रीटेंड नहीं कर सकते
अनमोलम कहते हैं कि इंटरव्यू को टफ नहीं कहूंगा, क्योंकि मेरा अनुभव अच्छा था। इंटरव्यू में इंटरएक्शन का लेबल बहुत अच्छा था। वहां मॉक इंटरव्यू जैसा माहौल नहीं होता है। वह पहले आपको कम्फर्टेबल महसूस कराते हैं। बहुत ही इंटरेस्टिंग और अच्छा अनुभव होता है। इंटरव्यू के एक दिन पहले मेरे क्लोज फैमिली और फ्रेंड कॉल कर रहे थे कि इंटरव्यू अच्छा ही देना है। मेरा दिमाग शांत था। यह तो पता नहीं था कि वह क्या पूछेंगे। यह तय किया था कि अच्छे से बोलना है। नेचुरली खुद को प्रेजेंट करना है। दिमाग यह सेटल कर चुका था कि प्रीटेंड नहीं कर सकता। मैं जो हूं वह दिखा दूंगा। उनका इंटरव्यू करीबन 35 से 40 मिनट तक चला था।
दूसरे अटेम्पट में मिली सफलता, सिविल सर्विस में नहीं आते तो टीचिंग में करियर बनाते
देवघर, झारखंड के रहने वाले अनमोलम के पिता दीनबंधु व मां निर्मला देवी पेशे से शिक्षक हैं। उनको देश के तीन अहम संवर्गों में से एक में काम करने का मौका मिलेगा। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा डीएवी देवघर से हुई। उन्होंने वर्ष 2008 में डीएवी देवघर से 10वीं तक पढ़ाई की और डीपीएस रांची से वर्ष 2010 में 12वीं उत्तीर्ण किया। इसके बाद CLAT उत्तीर्ण कर चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएलएनयू) पटना से बीए.एलएलबी किया। बैच में उनका सेकेंड रैंक था। यह वर्ष 2015 में फाइनल हुआ था। फिर साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, दिल्ली से इंटरनेशनल लॉ में वर्ष 2017 में एलएलएम किया। उसके बाद अनमोलम यूपीएससी तैयारी में जुट गए। वर्ष 2019 के पहले अटेम्पट में प्रीलिम्स क्वालिफाई नहीं हुआ था। यह उनका दूसरा अटेम्पट था। उनका कहना है यदि वह सिविल सर्विस में नहीं आते तो टीचिंग में करियर बनाते।
यूपीएससी में मेहनत और भाग्य दोनों का अहम किरदार
अनमोलम का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा में मेहनत और भाग्य दोनों का अहम रोल होता है। ये पूरी प्रक्रिया आपको बहुत कुछ सिखाती है। यह परीक्षा न सिर्फ आपके नॉलेज बल्कि आपके धैर्य को भी टेस्ट करती है। हार्डवर्क का कोई विकल्प नहीं है। यह जर्नी आपको एक बेहतर इंसान बनने में काफी मदद करती है, क्योंकि आप इतनी सारी चीजों को पढ़ते हैं। दिल से पढ़ते हैं, समझ के पढ़ते हैं। आप इवाल्व खूब करते हैं। यदि आपका हो जाए तो अंजाम बेहतर होता है। पर इसका सफर बहुत बढ़िया होता है। वर्ष 2017 के अंत में उन्हें जॉब के अवसर भी मिले थे। अच्छी सैलरी मिल रही थी। उस समय अनमोलम को चुनाव करना था कि उन्हें एकेडमिक क्षेत्र में जाना हैं या फिर प्रशासनिक सेवा के लिए तैयारी करनी है। पर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी की ही राह चुनी।
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